जल्द खत्म होगी आपकी टेंशन, अब केवल 30 रुपए किलो मिलेगा टमाटर

Business

(www.arya-tv.com)  देश में जो लोग अभी भी 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर खरीद रहे हैं उन्हें जल्द ही राहत मिलने वाली है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आवक शुरू होने पर सितंबर की शुरुआत में मौजूदा कीमतों में भारी गिरावट की उम्मीद है। नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ संजय गुप्ता के अनुसार चूंकि इस महीने के अंत तक सप्लाई का दबाव बढ़ जाएगा, हमें उम्मीद है कि कीमतें काफी कम हो जाएंगी और सितंबर के मिड तक कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाएंगी।

सरकार के आंकड़ों में कितना सस्ता हुआ टमाटर

कंज्यूमर मामले के मंत्रालय द्वारा रखे गए आंकड़ों के अनुसार, टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत 14 जुलाई को 9,671 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 14 अगस्त को 9,195 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जुलाई के मिड तक देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 250 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर चली गई थीं। महाराष्ट्र और कर्नाटक से ताजा फसल आने के साथ, अधिकांश शहरों में कीमतें वर्तमान में 80-120 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही हैं।

इन दो राज्यों से बाजारों में आ रहे हैं टमाटर

महाराष्ट्र के नारायणगढ़ में झुन्नू कृषि उपज बाजार समिति की सचिव प्रियंका चतुर्वेदी के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक से टमाटर अगस्त के दूसरे सप्ताह से बाजारों में आना शुरू हो गएं। टमाटर सबसे बड़े टमाटर उत्पादक क्षेत्रों नासिक और कोलार से आ रहे हैं। किसान सब्जियों की खपत भी बंद कर रहे हैं और शहरी इलाकों में बड़ी खेप भेज रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इससे कीमतों को कंट्रोल करने में मदद मिल रही है। महाराष्ट्र और कर्नाटक एकमात्र राज्य हैं जो जून और अगस्त के बीच, ऑफ-सीजन, टमाटर का प्रोडक्शन करते हैं। जबकि जून की शुरुआत में असमय बारिश से उनकी फसलें प्रभावित हुईं, बाद में जमीन की कम हो गई। जुलाई की बारिश ने खोई हुई नमी की भरपाई कर दी।

पर्याप्त नहीं है दो राज्यों की सप्लाई

संजय गुप्ता के अनुसार केवल इन दो राज्यों की उपज देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।इस महीने के अंत तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और आंध्र प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से आवक शुरू होने पर कीमतों में और कमी आने की उम्मीद है।दरअसल, गुप्ता को उम्मीद है कि फसल की अधिकता के कारण अक्टूबर तक टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिलेगी।

इतनी कम हो जाएंगी कीमतें

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अक्टूबर के मिड तक थोक बाजारों में कीमतें 5-10 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर जाएंगी। यह सिर्फ एक लूप है जो बागवानी फसलों के साथ खुद को दोहराता रहता है। सरकार बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है।

राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और किसानों की सहकारी संस्था नाफेड जुलाई के मिड से दिल्ली एनसीआर, बिहार, उत्तर प्रदेश सहित कई स्थानों पर 70 रुपये प्रति किलोग्राम से 90 रुपये प्रति किलोग्राम की खुदरा कीमत पर टमाटर बेच रहे हैं। जैसे ही सप्लाई बढ़ी, एनसीसीएफ और नेफेड दोनों ने 14 अगस्त को कीमतों को और घटाकर 50 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया।

टमाटर की वजह बढ़ गई महंगाई

दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की खुदरा बिक्री 14 जुलाई से शुरू हुई थी. 13 अगस्त तक दोनों एजेंसियों द्वारा कुल 15 लाख किलोग्राम टमाटर की खरीद की गई थी। टमाटर की वजह से भारत की प्रमुख खुदरा महंगाई में भारी वृद्धि हुई, जो जुलाई में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 2-6 फीसदी टॉलरेंस लिमिट के ऊपरी बैंड को पार कर गई और 15 महीने के उच्चतम 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई। जुलाई में टमाटर की सीपीआई मुद्रास्फीति दर 200 फीसदी देखने को मिली।