(www.arya-tv.com) अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले सरगर्मी बढ़ने लगी है। ये हफ्ता काफी अहम है, क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए पहली डिबेट 23 अगस्त से शुरू हो रही है। अभी सत्ता में डेमोक्रेट पार्टी है और जो बाइडेन देश के राष्ट्रपति हैं, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है क्योंकि खुद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मैदान में उतर चुके हैं। अमेरिका के चुनाव के लिए यह डिबेट कितनी अहम है और किस तरह ये अमेरिकी चुनाव की सरगर्मी को बढ़ा रही है,
कब शुरू हो रही डिबेट, कौन लेगा हिस्सा?
अमेरिका में अगले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे, उससे पहले दोनों पार्टियों के अपने स्तर पर चुनाव होने हैं जिसमें राष्ट्रपति के उम्मीदवार तय किए जाएंगे। 23 अगस्त से रिपब्लिकन पार्टी की डिबेट शुरू हो रही है, इसे फॉक्स न्यूज़ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस डिबेट में रिपब्लिकन पार्टी के वो नेता शामिल होंगे, जो खुद को बतौर राष्ट्रपति उम्मीदवार प्रोजेक्ट कर रहे हैं। इसमें डोनाल्ड ट्रंप, निकी हेली, डग बर्गम, क्रिस क्रिस्टी, माइक पेंस जैसे नेता शामिल होंगे।
अभी रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमेरी सेशन में 6 हफ्ते से अधिक का वक्त बचा है, उससे पहले अलग-अलग चैनल पर बहस की जाएंगी। हालांकि, बुधवार को होने वाली पहली डिबेट को लेकर अभी ये सवाल है कि क्या इसमें डोनाल्ड ट्रंप हिस्सा ले पाएंगे या नहीं, क्योंकि उनपर अभी कई तरह के कानूनी मामले चल रहे हैं ऐसे में उनको लेकर कन्फ्यूज़न बना हुआ है।
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से किसी भी उम्मीदवार के टीवी डिबेट में हिस्सा लेने के लिए उसके पास अपने राज्य का एक फीसदी सपोर्ट, 40 हजार से अधिक लोगों का डोनेशन और उम्मीदवारी के लिए समर्थन होना जरूरी है। इसी आधार पर अभी तक अलग-अलग डिबेट्स के लिए 8 उम्मीदवारों की लिस्ट पक्की की गई है, जो अलग-अलग न्यूज चैनल की बहस में हिस्सा लेंगे।
अमेरिका में कैसे होते हैं राष्ट्रपति चुनाव?
हिन्दुस्तान की तरह ही अमेरिका में भी लोकतंत्र है, लेकिन वहां चुनाव की प्रक्रिया काफी अलग है। क्योंकि अमेरिका में टू-पार्टी सिस्टम है ऐसे में लोगों के सामने चयनित ही ऑप्शन होते हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच राष्ट्रपति चुनाव के लिए जंग होती है। सबसे पहले वहां पार्टी के भीतर उम्मीदवारी की जंग होती है, अलग-अलग नेता पार्टी के स्तर पर अपनी उम्मीदवारी पेश करते हैं जिसके बाद आंतरिक चुनाव होते हैं जिसमें डेलिगेट्स के समर्थन के आधार पर राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी तय की जाती है।
दोनों पार्टियों के राष्ट्रपति उम्मीदवार जब तय हो जाते हैं, उसके बाद देशव्यापी प्रचार होता है और फिर मतदान होता है। अमेरिका की जनता अपने स्तर पर इलेक्टोरल को चुनती है, जो बाद में सदन का नेता चुनते हैं और इसी आधार पर अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव होता है। ये प्रक्रिया अलग-अलग स्तर पर लंबे वक्त तक चलती है।