सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोल रही योगी सरकार, सपा ने खोले माफिया सेंटर : डॉ. राजेश्वर सिंह

Lucknow
  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने बजट के पांच प्रमुख बिंदुओं पर की विधानसभा में चर्चा, कहा- अंत्योदय की संकल्पना को चरितार्थ करता यह बजट

(www.arya-tv.com)लखनऊ। यूपी का बजट प्रदेश के विकास को समर्पित है। 6.90 लाख करोड़ रुपये का प्रदेश का बजट युवाओं, महिलाओं और किसानों को समर्पित है। यह ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व बजट अंत्योदय की संकल्पना को चरितार्थ करता है। यह बातें सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बजट सत्र के आठवें दिन विधानसभा में कहीं। डॉ. राजेश्वर सिंह ने यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान यूपी के इतिहास के अब तक का सबसे बड़ा बजट के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने बजट के आंकलन के पांच प्रमुख बिंदुओं की भी सदन में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बजट चाहे देश का हो, प्रदेश का हो या स्थानीय निकाय का हो, उसका मूल्यांकन इन पांच बिंदुओं पर किया जाता है।

उन्होंने कहा कि पहला राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBM Act) जो कई महत्वपूर्ण मानक तय करता है, उसी मानकों के तहत बजट तय होता है जैसे राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा का मानक। ये तय करता है कि कितना ऋण सरकार ले सकती है। साथ ही यह एक्ट सुनिश्चित करता है कि सरकारें इसका गंभीरता से पालन करें, इसके मानकों का उल्लंघन करने पर सरकार और वित्त मंत्री के खिलाफ एक्शन का भी इसमें प्रावधान है। FRBM Act के सभी मानकों पर यूपी का बजट खरा उतरता है।

पिछली सरकारों के बजट की आंकड़ों की तुलना करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने बताया कि योगी सरकार का वर्तमान बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ का है सपा का बजट 2016-17 में 3 लाख 46 हजार करोड़ था। यह मायावती के कार्यकाल में बजट का आकार 1 लाख 89 हजार करोड़ का था, इतना तो हमारा पूंजीगत व्यय है।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज दूसरे स्थान पर है। सपा बसपा के कार्यकाल में जीडीपी विकास दर 5 से 7 प्रतिशत थी जोकि आज बढ़कर 16.8 प्रतिशत हो गई है, जोकि देश की विकास दर से भी अधिक है। बात करें अगर राजकोषीय घाटा की तो 2016-17 में 4.04 प्रतिशत थी, वो आज 3.48 प्रतिशत रह गई है।

दूसरे बिंदु राजस्व घाटा और राजस्व प्राप्तियों पर चर्चा करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि योगी सरकार की सुशासन तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और योजनाबद्ध नीतियों के कारण सरकार को 2 लाख 20 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हो रहा है जबकि 2016-17 में कर-राजस्व सिर्फ 86 हजार करोड़ रुपए था। सपा के समय में राजस्व प्राप्तियां लगभग 2 लाख 80 हजार करोड़ थी जोकि आज बढ़कर 5 लाख 70 हजार करोड़ है। उसके बाद भी हमारी राजस्व अधिशेष सपा सरकार से दोगुनी यानि 68 हजार करोड़ से अधिक है। राजस्व व्यय सपा काल में 2 लाख 53 करोड़ था जबकि आज 5 लाख 2 हजार करोड़ से अधिक है क्योंकि हमने पेंशन-सैलरी बढ़ाई, सातवां वेतन आयोग लागू किया। प्रदेश को 2016-17 में आबकारी से 12 हजार करोड़ रुपये मिला था लेकिन अब अब 45 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने जा रहा है। 2016-17 में बेरोजगारी दर 18 फीसदी थी, अब ये 4 फीसदी रह गई है।

इसके पश्चात तीसरे बिंदु पूंजीगत व्यय की चर्चा करते हुए सदन को बताया कि प्रदेश सरकार ने अब तक का सबसे ज्यादा पूंजीगत व्यय 1 लाख 87 हजार करोड़ से अधिक का है। बजट में 32,722 करोड़ नई योजनाओं पर खर्च किए गए। इस बजट में पूंजीगत व्यय में 60 हजार करोड़ की बढ़ोतरी की गई है। इससे आधारभूत संरचना की योजनाओं को गति मिलेगी।

चौथा बिंदु उन्होंने नए करों का अधिरोपण को बताया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में आम जनता के ऊपर करों का नया बोझ लादने का काम किया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने जनता पर बजट का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं लादा। हम पहले की सरकारों की तुलना में अधिक की राजस्व प्राप्तियां कर रहे हैं। अखिलेश सरकार ने 2016 में ऑनलाइन शॉपिंग पर टैक्स लगा दिया था। यह सपा की विरोधी डिजिटल मानसिकता को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में खाद्य उत्पादन बढ़ा क्योंकि हमने बिजली पहुंचाई, सिंचाई की उचित व्यवस्था कराई, बीज खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराई, एमएसपी बढ़ाई। देश की कृषि योग्य भूमि में राज्य का हिस्सा केवल 1.8 प्रतिशत है, लेकिन यूपी अकेला राज्य है जो देश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी का पेट भरता है। अकेले गेहूं राज्य के कुल खाद्य उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक है। इसी का परिणाम आज प्रदेश दूध, गन्ना एवं चीनी प्रोडक्शन और इथेनॉल की आपूर्ति में देश में पहले नंबर पर है, पूरे देश के कुल खाद्यान्न का 20 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से आता है। यूपी में अब 1 लाख 56 हजार करोड़ का निर्यात हो रहा है जबकि 2016 में निर्यात 80 हजार करोड़ ही था। 2014-2015 से 2021- 2022 में गन्ने का उत्पादन 389 लाख टन से बढ़कर 2272 टन हो गया।

पांचवे बिंदु नई नीतियां पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि हमारी सरकार नई 25 नीतियां लाई है, प्रदेश के विकास को नई दिशा प्रदान करेंगी, बजट में भी उन पर खास जोर दिया गया है, ये नीतियां बहुत महत्वपूर्ण है, उनमें से 5 नीतियाँ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण में भी थी। यूपी एमएसएमई पॉलिसी 2022, यूपी टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पॉलिसी 2022, डेयरी फार्म एवं उत्पाद विकास नीति 2022, उप्र स्टार्टअप नीति 2020 (संशोधन 2022), यूपी जैव ऊर्जा नीति 2022, यूपी पर्यटन नीति 2022, यूपी सौर ऊर्जा नीति 2022 के लिए बजट में 317 करोड़ रुपये का प्रस्तावित हैं।

सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सदन में कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। बजट में टैबलेट के लिए 3600 करोड़, डिजिटल लाइब्रेरी के लिए 300 करोड़, स्मार्ट क्लास के लिए 1000 करोड़, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए 300 करोड़, लॉ यूनिवर्सिटी के लिए 103 करोड़, स्टार्टअप फंड के लिए 160 करोड़ और इनोवेशन फंड के लिए 4000 करोड़ की घोषणा हुई हे।

सरोजनीनगर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरोजनीनगर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है। एनसीडीसी की स्थापना से लेकर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एचएएल तेजस जैसा फाइटर एयरक्राफ्ट का निर्माण अब सरोजनीनगर में होगा। वहीं दूसरी ओर सपा ने सेंटर ऑफ माफिया खोला। इन सेंटरों में गुंडा, माफिया और हिस्ट्रीशीटर बनने की ट्रेनिंग दी जाती थी।

सपा को घेरते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि आप अपनी लैपटॉप स्कीम का ढिंढोरा पिटते हैं लेकिन 2012 में टैबलेट और लैपटॉप वितरण के लिए ढाई हजार करोड़ का बजट दिया लेकिन बाद में योजना ही बंद कर दी। चुनाव के आते ही युवाओं को लुभाने के लिए नाममात्र 100 करोड़ दे दिए। भाजपा सरकार की योजना आने के बाद दो ही बजट में 5 हजार करोड़ से ज्यादा दिया जा चुका है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश युवा उज्ज्वल भविष्य चाहता है, पढ़ना चाहता है, कौशल विकास के अवसर व रोज़गार चाहता है, प्रदेश को देश की उन्नति में सहयोग करना चाहता है, उसको संसाधन चाहिए। ऐसे में युवाओं का समय जातिवाद और माफिया की ट्रेनिंग में व्यर्थ ना करें वरना आने वाली पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगा।