Yoga Reduce Fatigue: इन 2 आसनों से दूर हो सकती है कमजोरी व थकान की समस्या, करते वक्त रखें ये सावधानियां

Health /Sanitation

(www.arya-tv.com) वीरभद्रासन और नटराज आसन करने से शरीर को मजबूती मिलती है। यह दिल और फेफड़ों के लिए फायदेमंद है जो जीवन में संतुलन और आत्मविश्वास बनाए रखता है। इससे कमजोरी भी दूरी होती है। पूर्ण शरीर का व्यायाम होने के कारण इस आसन को एडवांस योगाभ्यास की श्रेणी में रखा जाता है।

1. नटराजआसन

कैसे करें नटराज आसन

– मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।

– बाएं पैर पर बॉडी का बैलेंस टिकाते हुए दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए पीछे की तरह मोड़े। अब दाहिने हाथ से दाहिने पैर के अंगूठा या एंकल पकड़ लें।

– धीरे-धीरे पैरों को जितना हो सके ऊपर उठाएं।
– अपने बाएं हाथ को सामने रखें और अगर बैलेंस नहीं बन रहा तो बाएं हाथ से दीवार का सहारा लें।

– यही प्रोसेस आपको दूसरे पैर से भी दोहराना है।

– शरीर में बैलेंस लाता है।

– पाचन तंत्र को ठीक करता है।

– मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है।

– मेरूदंड मजबूत करता है।

नटराजआसन के फायदे

– वजन कम करता है।

– शरीर में बैलेंस लाता है।

– पाचन तंत्र को ठीक करता है।

– मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है।

नटराजआसन करते वक्त रखें ये सावधानियां

– साइटिका होने पर इसे न करें।

– वेरीकोज़ वेन्स की समस्या होने पर यह आसन न करें।

– कधे या घुटने में दर्द हो तो भी इसे न करें।

– रीढ़ की हड्‍डी में दर्द हो तो इसे अवॉयड करें।

2. वीरभद्रासन

कैसे करें वीरभद्रासन

– सीधे खड़े हो जाएं।

– दोनों हाथों को आगे करते हुए नमस्कार मुद्रा में आ जाएं।

– एक पैर पर बैलेंस बनाते हुए धीरे-धीरे दूसरे पैर को ऊपर उठाएं।

– फोकस आगे वाले हाथ पर रखें। कुछ सेकेंड इस स्थिति में बने रहें फिर वापस आ जाएं।

– यही प्रक्रिया अब दूसरे पैर से भी दोहराएं।

– वजन कम करता है।

वीरभद्रासन के फायदे

– कमर में खिंचाव आता है जिससे वहां का दर्द दूर होता है और उसका लचीलापन बढ़ता है।
– पैरों की मसल्स मजबूत और फ्लेक्सिबल होती है।

– सर्वाइकल और स्पॉण्डिलाइसिस में भी यह बेहद फायदेमंद आसन है।

– तनाव कम होता है और बॉडी में एनर्जी आती है।

– गर्दन की कंधे का भी दर्द दूर होता है और लचीलापन बढ़ता है।

वीरभद्रासन करते वक्त बरतें ये सावधानियां

– वैसे तो ये सर्वाइकल और स्पॉण्डिलाइसिस के लिए फायदेमंद आसन है लेकिन अगर बहुत ज्यादा दर्द है कंधे और गर्दन में तो इसे अवॉयड करें या किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें।

– हाई ब्लड प्रेशर व हार्ट प्रॉब्लम होने पर इसे न करें।

– गर्भवती महिलाओं को तीसरे महीने के बाद यह आसन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

– गठिया रोगियों के लिए भी यह आसन उपयुक्त नहीं।