सांसदी बचेगी? संसद के बाहर बोलीं महुआ-दुर्गा आ गई है, बंगाल BJP चीफ का शूर्पणखा तंज

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(www.arya-tv.com) कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करने वाली एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट लोक सभा में पेश कर दी है।एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने शुक्रवार को जैसे ही कमेटी की जांच रिपोर्ट को सदन में पेश किया, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया।

नारेबाजी करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद वेल में आ गए। इस बीच महुआ मोइत्रा का भी बयान सामने आया। उन्होंने रिपोर्ट पेश होने से पहले कहा कि ‘इन्होंने वस्त्रहरण शरू किया है तो अब महाभारत का रण देखिए।’

‘मां दुर्गा आ गई है, महाभारत का रण देखिए’

लोकसभा में रिपोर्ट पेश होने से पहले संसद भवन में मीडिया से बात करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि ‘मां दुर्गा आ गई है, अब देखेंगे… जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है, इन्होंने वस्त्रहरण शरू किया है तो अब महाभारत का रण देखिए।

‘ कार्यवाही स्थगित होने के बाद महुआ बाहर आईं। जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें कुछ भी नहीं पता है, जो होगा 2 बजे के बाद होगा। हम तब तक खाना खाकर आते हैं।

पश्चिम बंगाल बीजेपी चीफ का विवादित बयान

वहीं कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट और महुआ मोइत्रा को लेकर हो रहे संसद में हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने विवादित बयान दिया।

बीजेपी नेता महुआ की तुलना शूर्पनखा से कर दी। सुकांता मजूमदार ने कहा कि चीरहरण द्रौपदी का हुआ था, शूर्पनखा का नहीं। शुक्रवार को संसद में महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की।

इसके बाद संसद में टीएमसी सांसदों ने रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगाते हुए हंगामा हुआ। महुआ मोइत्रा ने कहा कि अब महाभारत का रण देखेंगे। सुकांत मजूमदार पहले भी विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।

लोकसभा में विपक्ष का हंगामा

बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, सपा और बसपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसद तृणमूल कांग्रेस का साथ देते हुए अपनी-अपनी सीट पर खड़े हो गए।पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल हंगामा कर रहे सांसदों को यह कहते हुए समझाने की कोशिश करते नजर आए कि अभी तो सिर्फ रिपोर्ट पेश हुई है, अभी इस पर चर्चा होनी है।

लेकिन हंगामा और नारेबाजी जारी रहने पर अग्रवाल ने लोक सभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान भी हंगामे के कारण लोक सभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा था।