कांग्रेस के फायरब्रांड नेता, राहुल गांधी के करीबी जीतू पटवारी क्यों हैं सुर्खियों में

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(www.arya-tv.com) साल के अंत में होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात अब बिछने लगी है। कांग्रेस को मध्य प्रदेश में इस बार सत्ता में वापसी की पूरी उम्मीद है। पिछले दिनों पार्टी ने वहां अपने युवा नेता जीतू पटवारी को प्रचार अभियान समिति का सह-अध्यक्ष बनाया।

इंदौर जिले की राऊ विधानसभा सीट से दो बार के विधायक जीतू पटवारी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। उन्हें संगठन का भी खासा अनुभव है। उनके बारे में बता रही हैं मंजरी चतुर्वेदी।

चुनाव से पहले जीतू पटवारी को बड़ी जिम्मेदारी

पिछले दिनों कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपने फायर ब्रैंड युवा नेता और कमलनाथ सरकार में उच्च शिक्षा, खेल व युवा मामलों के मंत्री रहे जीतू पटवारी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। उन्हें प्रदेश की प्रचार अभियान समिति का सह-अध्यक्ष बनाया गया।

इस समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया हैं। कांग्रेस मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। प्रदेश के सात इलाकों में चल रही इस यात्रा के एक इलाके मालवा का नेतृत्व पटवारी कर रहे हैं।

इंदौर की राऊ सीट से दो बार बने विधायक

इंदौर जिले की राऊ विधानसभा सीट से दो बार के विधायक जीतू पटवारी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। उन्हें संगठन का भी खासा अनुभव है। कम समय में उन्होंने प्रदेश कांग्रेस में अपनी अलग जगह बनाई है। जीतू मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वह प्रदेश कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

पहले वह राज्य में पार्टी के सचिव थे। जीतू यूथ कांग्रेस में जिला और प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में पटवारी की पहचान एक मुखर वक्ता और जुझारू नेता के तौर पर है। भारत जोड़ो यात्रा में काफी समय तक वह राहुल गांधी के साथ रहे। पिछले गुजरात चुनाव में उन्हें पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी देकर भेजा गया था।

2017 में पहली बार आए चर्चा में, मंदसौर की घटना पर संभाला था मोर्चा

भारतीय राजनीति की बात करें तो पटवारी 2017 में पहली बार उस वक्त चर्चा में आए, जब मंदसौर में किसानों के आंदोलन में हुई पुलिस गोलीबारी में कुछ किसानों की मौत हो गई। इसे लेकर राज्य में बड़ा आक्रोश था। राहुल गांधी इस मौके पर मृतकों के परिजनों से मिलने वहां जाना चाहते थे। तब मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों में ही बीजेपी की सरकार थी।

मध्य प्रदेश प्रशासन ने राहुल गांधी को वहां जाने की इजाजत नहीं दी। तब राहुल मोटरसाइकिल पर बैठकर राजस्थान से मध्य प्रदेश में घुसे और किसी तरह से मंदसौर पहुंचे। राहुल जिस बाइक पर सवार थे, उसे जीतू पटवारी ही चला रहे थे। पटवारी और राहुल की बाइक की यह फोटो खूब वायरल हुई थी।

समृद्ध किसान परिवार से हैं जीतू, कम उम्र में राजनीति में आए

जीतू इंदौर जिले के राऊ विधानसभा क्षेत्र के एक समृद्ध किसान परिवार से हैं। पटवारी का परिवार कांग्रेस और आजादी की लड़ाई से जुड़ा हुआ था। उनके दादा कोदरलाल पटवारी ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था, तो उनके पिता रमेश चंद्र कांग्रेस के सक्रिय नेता रहे हैं। पटवारी का जन्म इंदौर के पास एक छोटे से कस्बे बिजलपुर में 19 नवंबर 1973 को हुआ। उनकी स्कूली शिक्षा इंदौर के गवर्नमेंट मल्टी मल्हार आश्रम हायर सेकंडरी स्कूल से हुई।

उन्होंने इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से BS और LLB की डिग्री ली। वह कम उम्र में ही राजनीति में आ गए। शुरू में वह मध्य प्रदेश में यूथ कांग्रेस के जिला और प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2013 में वह पहली बार राऊ विधानसभा से विधायक बने। 2018 में इसी सीट से उन्हें एक बार फिर जीत मिली और कमलनाथ सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया।