अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्री भारत में क्यों है?

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(www.arya-tv.com) अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन दोनों इस वक्त भारत में हैं। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे तो वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। पांचवीं भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता शुरू है और इस बातचीत से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दोनों की मुलाकात हुई। इस साल जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात हुई थी और इस मुलाकात के बाद ‘टू प्लस टू’ वार्ता कई मायनों में खास है। रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास जंग के बीच यह मीटिंग हो रही है।

अमेरिका के पूर्व उप सहायक रक्षा मंत्री जोसेफ एच फेल्टर ने हाल ही में कहा कि अमेरिका-भारत संबंधों से ज्यादा महत्वपूर्ण रिश्ता कहीं और नहीं है। रक्षा संबंध पिछले कुछ समय से काफी बेहतर हुए हैं। ‘टू प्लस टू’ मीटिंग का मकसद भारत और अमेरिका के संबंधों के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाना है। रक्षा और सुरक्षा सहयोग के साथ दोनों देशों के बीच परस्पर संबंधों में प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा होने की उम्मीद है।

यूक्रेन में संकट और इजराइल-हमास संघर्ष की छाया मंडरा रही है। ये संघर्ष सीधे तौर पर अमेरिका-भारत संबंधों से जुड़े नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे एक ऐसी पृष्ठभूमि बनाते हैं जो दोनों देशों की रणनीतिक गतिशीलता और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को प्रभावित करती है। पहले यूक्रेन और अब इस्राइल-हमास युद्ध ने अमेरिकी लीडरशिप में पश्चिमी देशों और रूस-चीन-ईरान को आमने-सामने ला खड़ा किया है। शीत युद्ध के खत्म होने के बाद अमेरिका दुनिया का अकेला सुपरपावर बना, लेकिन वह दौर गुजर चुका है। चीन उसे चुनौती दे रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका इन सबके बीच अपनी सुपरपावर होने की प्रासंगिकता बनाए रखने की कोशिश में जुटा है।

इस मीटिंग में क्या बांग्लादेश के मुद्दे पर भी कोई बातचीत हो सकती है यह देखने वाली बात होगी। अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार से स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को लेकर हाल ही में अमेरिका और शेख हसीना सरकार के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। बांग्लादेश की राजनीति में अमेरिका की भूमिका इस वक्त एक अहम मुद्दा है। वहीं दूसरी ओर भारत शेख हसीना सरकार बहुत अधिक प्रेशर न बनाए जाने को लेकर आगाह करता रहा है। शेख हसीना पड़ोस में भारत की सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक हैं।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। पिछले साल से दोनों देशों के बीच काफी व्यापार बढ़ा है। ग्रीन एनर्जी, काउंटर टेररिज्म, AI, स्पेस, सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीति संकट पर भी चर्चा संभव है। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात के दौरान दोनों देशों की बीच कई मुद्दों पर समझौता हुआ था। इसमें क्या प्रगति है इस पर भी चर्चा संभव है।

अमेरिका, भारत और कई दूसरे देश चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधि की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर चर्चा कर रही हैं। चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे हिस्से पर दावा करता है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ भी क्षेत्रीय विवाद है। चीन के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ मिलकर गठबंधन बनाना चाह रहा है। हालांकि अमेरिका की ओर से चीन के साथ तनाव कम करने की भी कोशिशे जारी हैं। चीन के विदेश मंत्री ने हाल ही में अमेरिका की यात्रा की थी और विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ मुलाकात की।