इस संडे कौन बोलेगा पापा? पथराईं आंखें, चेहरे पर दर्द… CEO सूचना की करतूत से टूट गया पति

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(www.arya-tv.com) पप्पा आप आ गए.. मेले लिए त्या लाए हैं? मैंने आपतो लोबाइल तिया तो था.. पिछले कुछ समय से हर रविवार को कानों को सुकून देने वाली इन तुतलाती आवाजों को सुनने का वेंकट रमन इंतजार करते थे। वह अपने जीवन के इन कुछ घंटों में सबकुछ भूल जाते थे। पर आज वेंकट के जीवन में भूचाल आ गया है।

कल तक उनके जीवन में उनका नन्हा बेटा रंग भर देता था। पर आज वह बेहद दर्द में हैं। बेटे से मिलने के लिए 6 दिन बड़ी मुश्किल से काटने वाले वेंकट के लिए अब इंतजार अंतहीन हो गया है। उसकी आत्मा खून के आंसू रो रही है।

अपने उस नन्हीं जान की हर वो बात उसे याद आ रही है.. वो कहा रहा है बेटा वापस आ जाओ.. मैं तुम्हें इस दरिंदे मां से अब दूर लेकर चला जाऊंगा.. पर अब वो मासूम नहीं आने वाला है। वो अपने बाप को रुलाकर जा चुका है।

कहते हैं एक पिता अपना दर्द चेहरे पर या जुंबा पर नहीं ला पाता। पर वेंकट का पथराया चेहरा भी अपने बेजान बेटे को देखकर अंदर से जार-जार हो गया। सहसा उसके दिमाग में हर वो चीज उमड़-घुमड़ करने लगीं। वो प्यारी बात, वो प्यारी हंसी, वो अल्हड़ अटखेलियां। आंखों से सैलाब निकल रहा था। उस बेबस बाप का चेहरा आंसुओं से पटा हुआ था।

जिस बच्चे के दुनिया में आने पर उसने अपने हाथों से उसका माथा चूमा था। वो बेजान पड़ा था। अपने बेजान बेटे का शरीर देख बाप बेसुध सा था। उसे हर वो बात याद आ रही थी जो उसका 4 साल का बेट तुतलाती आवाज में अपने पिता से कहता था।

यूं तो वेंकट का पत्नी सूचना सेठ के साथ तलाक का मामला आखिरी दौर में था। लेकिन कोर्ट के आदेश के कारण हर रविवार को वेंकट अपने बेटे से मिल पाता था। वो शिद्दत से इस दिन का इंतजार करता था।

अपने बेटे से मिलने के लिए वो यूं मिलने जाता था जैसे आज ही उसका जन्म हुआ हो। वैसे भी एक पिता अपनी भावनाओं को दिखा नहीं पाता था। लेकिन जब वह अपने चार साल के बेटे को खुशी से उठाते हुए अपनी बाहों में लेता था तो उसे दुनिया की सारी खुशी मिल जाती थी।

फिर घंटों तक वह अपने नन्हें बेटे की मासूम बातें सुनता था। पति-पत्नी के बीच तनाव वाली बात वेंकट यहां भूल जाता था। सूचना और वेंकट की शादी के 9 साल बाद ये बच्चा उनकी दुनिया में आया था।

लेकिन हाय री किस्मत एक मां ने ऐसा किया कि पूरी दुनिया इसे जान सन्न है। अपनी ही गोद उसने सूनी कर दी। एक पिता को उसकी जिंदगी का वो दुख दे गई जो वह कभी भूल नहीं पाएगा।

वेंकट की नजरें अपने बेजान बेटे की तरफ बार-बार जा रहा था। उसे उम्मीद थी कि जैसे मासूमियत के साथ पापा से मिलकर लुका-छिपी खेलते थे वैसे ही बेटी की जान कहीं छिपी हुई है। कुछ देर में वह उछलते ही अपने बाप की गोद में आ जाएगा।

पर वो हंसता, मुस्कुराता चेहरा इस दुनिया को छोड़ चुका है। वह अब अपने पिता की आवाज पर नहीं उठने वाला है। उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा और तोतली आवाज अब वेंकट कभी सुन नहीं पाएगा।

ये बेबस बाप अब अपने जिगर के टुकड़े से कभी बात नहीं कर पाएगा। कभी उसे गोद में खेला नहीं पाएगा। अभी वह अपनी भावनाओं को जज्ब कर रहा है लेकिन ये ज्वार कभी भी फूट सकता है। जबतक यादें रहेंगी ये बेबस बाप अपनी जिंदगी में बेहिसाब दर्द सहेगा।