कब से होगा ताजमहल का दीदार फैसला आज, और अन्य स्मारक ​खोले जाएंगे कब

Agra Zone UP

आगरा।(www.arya-tv.com) ताजमहल का दिदार न होने से वहां के दुकान दार तो इससे प्रभावित हो ही रहे है और आगरा में ताजमहल या स्मारक सोमवार से खोले जाएंगे या नहीं, इसका फैसला रविवार को किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय ने स्मारकों को खोलने का आदेश करते हुए फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकार व जिला प्रशासन पर छोड़ा था। 17 मार्च से बंद चल रहे ताजमहल समेत देश के सभी स्मारकों को छह जुलाई से खोलने का ट्वीट दो जुलाई को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने किया था। संस्कृति मंत्रालय ने कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित स्मारकों को खोलने का फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकार व जिला प्रशासन पर छोड़ा था। एएसआइ ने गुरुवार को ही डीएम प्रभु एन. सिंह को स्मारकों को खोलने के लिए पत्र भेजा था।

सोमवार से स्मारकों को खोलने या न खोलने के लिए डीएम द्वारा रविवार शाम बैठक की जाएगी। स्मारकों को खोले जाने को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा तैयारियां की जा रही हैं। शनिवार दोपहर अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कमांडेंट राहुल यादव के साथ स्मारक खोलने को की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिए स्मारक का दौरा किया। पर्यटकों से शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराने को टर्न स्टाइल गेटों के पास गोले बनवाए गए हैं। सोमवार से स्मारकों को खोले जाने पर ऑनलाइन टिकटिंग में पथकर का पेच फंस सकता है। गाइडलाइन के अनुसार केवल ऑनलाइन टिकटों की बिक्री होगी।

ताजमहल के कंबाइंड टिकट में तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का प्रवेश शुल्क और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा लिया जाने वाला पथकर शामिल है, मगर अन्य स्मारकों पर ऐसा नहीं है। वहां पथकर का टिकट अलग से दिया जाता है। एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारकों में देशभर में आगरा के स्मारक ही ऐसे हैं, जहां पर्यटकों से पथकर लिया जाता है। ताजमहल देखने आने वाले विदेशी पर्यटकों से 500 रुपये का पथकर लिया जाता है, जबकि भारतीय पर्यटकों के लिए यह 10 रुपये है। ताजमहल के बाद उसी दिन अन्य स्मारक देखने पर ताजमहल का टिकट होने पर विदेशी पर्यटकों को पथकर नहीं देना होता है।

अन्य दिन या ताजमहल का टिकट नहीं होने पर उन्हें पथकर देना होता है। भारतीय पर्यटकों को अन्य स्मारकों पर भी पथकर देना होता है। ताजमहल पर तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कंबाइंड टिकट चार-पांच वर्ष पूर्व लागू कर दिया गया था, अन्य स्मारकों पर अब तक ऐसा नहीं हो सका है। वहां टिकट विंडो पर तैनात एडीए के कर्मचारी पथकर का टिकट अलग से देते हैं। अब स्मारकों को खोलने के लिए जो शर्तें लगाई गई हैं, उनके अनुसार केवल ऑनलाइन टिकट ही मान्य होंगी, मैनुअल टिकट नहीं दी जाएंगी।

टिकट विंडो नहीं खोलेगा। पर्यटकों को टिकट ऑनलाइन बुक कर लानी पड़ेगी। ताजमहल पर कंबाइंड टिकट होने से कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, एत्माद्दौला, सिकंदरा, मेहताब बाग आदि जगह पर परेशानी खड़ी हो जाएगी। एएसआइ द्वारा अवगत कराने के बावजूद तीन दिन में एडीए द्वारा स्मारकों पर पथकर के डिजिटल या ऑनलाइन भुगतान करने के बारे में कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।