जब लाला लाजपत राय का हुआ देश निकाला, बर्मा की अंधेरी कोठरी में किया गया कैद

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(www.arya-tv.com) लाला लाजपत राय को बर्मा के जेल में समाचार पत्र भी नहीं दिया जाता था और कमरे में रोशनी के लिए सिर्फ दो मोमबत्तियां दी गई थीं. ‘पंजाब केसरी’ के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय की आज यानी 17 नवंबर को पुण्यतिथि मनाई जा रही है. इस मौके पर हम आज आपको इनसे जुड़ा एक अनसुना किस्सा बताने जा रहे हैं.लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को लाहौर में हुआ था. बचपन से ही लाजपत राय काफी साहसी थे और इन्होंने देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था.

बीबीसी के मुताबिक, कांग्रेस के सदस्य बनने और पंजाब में राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के बाद लाला लाजपत राय को देश से निष्कासित कर बर्मा (म्यांमार) भेज दिया गया.लाला लाजपत राय को यहां छोटी सी कोठरी में रखा गया और उनके साथ बहुत व्यवहार किया गया. लाजपत राय को सोने के लिए एक चारपाई दी गई थी और किसी से मिलने की इजाजत भी नहीं थी.

इतना ही नहीं लाला लाजपत राय को कोई समाचार पत्र भी नहीं दिया जाता था और कमरे में रोशनी के लिए सिर्फ दो मोमबत्तियां दी गई थीं.कपड़ों और दवाओं जैसी साधारण जरूरतों के लिए भी लाजपत राय को अंग्रेज अफसरों की मिन्नतें करनी पड़ती थी और काफी मुश्किलों से वो अपनी हजामत कराते थे.