भारतीय रिजर्व बैंक समिति में क्या हुए फेरबदल

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(www.arya-tv.com) भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद घोषित मौद्रिक नीत में कोई बड़ा फेरबदल नहीं किया गया। केंद्रीय बैंक का कहना है कि कोरोना संकट के चलते प्रभावित आर्थिकी में सकारात्मक बदलाव देखने में आ रहा है। केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि अर्थव्यवस्था निर्णायक दौर में पहुंच रही है।

अत: आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार नीति अपनाये रखेगा। यही वजह है कि अब अंकुश लगाने के बजाय अर्थव्यवस्था को उबारने पर जोर दिया जायेगा, जिसके चलते मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने पर बल दिया है। आरबीआई गवर्नर ने विश्वास जताया है कि वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में आर्थिकी में आया सुधार, दूसरी छमाही में मजबूती हासिल करेगा।

साथ ही तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। लेकिन त्योहारी सीजन में ग्राहक जिस ईएमआई में कटौती की उम्मीद लगा रहे थे, वह रेपो रेट में बदलाव न होने के कारण पूरी नहीं हो पायी। दरअसल, एमपीसी की 25वीं बैठक के बाद भी रेपो रेट चार फीसदी बरकरार रखा गया है।

वहीं रिवर्स रेट भी 3.35 ही रहेगा। केंद्रीय बैंक विश्वास जता रहा है कि चौथी तिमाही में जीडीपी में संकुचन खत्म होगा और सकारात्मक वृद्धि दर्ज की जायेगी। दरअसल, वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में आये भारी संकुचन के बाद अब केंद्रीय बैंक का ध्यान अर्थव्यवस्था के रिवाइवल पर है।

विश्वास जताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में देश कोरोना काल से पूर्व की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े को हासिल कर लेगा। साथ ही जीडीपी फिर से वृद्धि के रास्ते पर आ सकती है। केंद्रीय बैंक ने भरोसा जताया कि चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति तय लक्ष्य की परिधि में आने की उम्मीद है।

बैंक का भरोसा है कि कोरोना संकट से उपजे संकुचन से उबरकर आर्थिकी ?अब निर्णायक दौर में पहुंच रही है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, मगर रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन की दिशा में कदम बढ़ा दिये हैं।

कुछ नियमों में बदलाव से होम लोन सस्ते होने की उम्मीद जगी है। बैंक ने प्रीमियम होम लोन को लेकर नियमों में बदलाव किये हैं, जिससे बैंक अब आसानी से प्रीमियम होम लोन बांट सकेंगे, जिसमें ब्याज दर भी कम हो सकती है। सरकार व केंद्रीय बैंक यह महसूस करते रहे हैं कि रियल एस्टेट में रोजगार के बड़े अवसर सृजित किये जा सकते हैं, जो कि अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

दरअसल, होम लोन देने के वक्त बैंकों को जो कैपिटल रिजर्व रखना पड़ता था, आरबीआई ने उसकी सीमा घटा दी है, जिससे बैंक अब अधिक लोन दे सकेंगे तथा कम पूंजी रखने से होने वाले लाभ से ब्याज दरों में भी कमी कर सकेंगे। यह नियम 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगा। केंद्रीय बैंक ने अब बैंकों के कैपिटल रिजर्व को पचास प्रतिशत से घटाकर 35 फीसदी कर दिया है।

अत: अब बैंकों के पास कारोबार के लिये ज्यादा पूंजी उपलब्ध होगी। साथ ही केंद्रीय बैंक ने कोरोना संकट काल में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिये दिसंबर, 2020 से आरटीजीएस को 24 घंटे लागू करने का मन बनाया है। इसके साथ ही देश के शीर्ष बैंक की कोशिश है कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिये वित्तीय व्यवहार को आसान बनाया जाये, जिसके मद्देनजर केंद्रीय बैंक अगले हफ्ते बीस हजार करोड़ रुपये ओपन मार्केट ऑपरेशन करेगा।

दरअसल, केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में तरलता लाने के लिये ओपन मार्केट ऑपरेशन करता है। मकसद यही है कि आसान वित्तीय परिस्थितियां बनाने के लिये पूंजी की तरलता में वृद्धि की जाये। बहरहाल, त्योहारी सीजन में भले ही केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयासों के लिये उठाये कदमों का शेयर बाजार ने स्वागत किया है।

शुक्रवार को शेयर बाजार में मजबूती देखी गई। उम्मीद की जानी चाहिए कि आगामी त्योहारी सीजन में अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।