अयोध्या धाम के लिए रवाना हुईं शालिग्राम शिलाएं:गोरखपुर में आधी रात पहुंचा रथ

Uncategorized

(www.arya-tv.com) राम मंदिर के लिए नेपाल से लाई जा रहीं दो विशाल शालिग्राम शिलाएं मंगलवार की देर रात गोरखपुर पहुंची। यहां आतिशबाजी और फूलों की बारिश के बीच शहर भर में भव्य स्वागत हुआ। शिला रथ रात 12:45 बजे गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचा, जहां रात्रि विश्राम की व्यवस्था थी। सुबह धूमधाम से रथ को अयोध्या के लिए रवाना किया गया।

गोरक्षनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, देवीपाटन मंदिर तुलसीपुर के महंत योगी मिथिलेश नाथ के साथ अन्य संतों ने विधि-विधान से पूजन कर इन शिलाओं का स्वागत किया। यहां शिला रथ पहुंचते ही जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे। हजारों की संख्या में महिलाओं और पुरुष ने शिलाओं पर मत्था टेका। लोगों में शिला को छूने की होड़ लगी रही। मंगलवार शाम को NH-28 के रास्ते कुशीनगर की सीमा से इन शिलाओं की यूपी में एंट्री हुई थी।

शिलाओं से बनेगी श्रीराम और माता सीता की मूर्ति
दरअसल, इन शिलाओं से अयोध्या में श्रीराम और माता सीता की मूर्ति बनाई जाएगी। दावा है कि ये शिलाएं करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं। इनसे भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप और माता सीता के विग्रह के निर्माण किया जाएगा। मूर्ति निर्माण के दौरान शिला की कटाई-छटाई से निकलने वाले कणों का विग्रह निर्माण में प्रयोग किया जाएगा।

सुबह अयोध्या के लिए रवाना हुआ रथ
वहीं, गोरखनाथ मंदिर में ही देवशिला रथ का रात्रि विश्राम हुआ। इसके बाद बुधवार की सुबह संतों ने विधि-विधान से रथ को अयोध्या के लिए रवाना किया। रथ के अयोध्या रवाना होने के दौरान भी सुबह गोरक्षनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रही।

रथ के शहर में पहुंचते ही हुई फूलों की बारिश
कुशीनगर के रास्ते देर रात शहर में प्रवेश करने से लेकर गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचने तक श्रद्धालुओं ने सभी चौक-चौराहों पर पुष्पवर्षा की। हालांकि, इसे लेकर कहीं किसी आयोजन या सभा की व्यवस्था नहीं थी। रथ पूरी सादगी के साथ रात्रि विश्राम के लिए गोरखनाथ मंदिर पहुंचा। रथ के साथ करीब 100 लोग मौजूद हैं। इनमें जानकी मंदिर जनकपुर के संत-महात्मा और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र पंकज भी हैं।

26 जनवरी को नेपाल से भेजी गई हैं शिलाएं
नेपाल में पोखरा स्थित शालिग्रामी नदी (काली गंडकी ​​) से यह दोनों शिलाएं जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाली गई हैं। 26 जनवरी को ट्रक पर लोड किया गया। पूजा-अर्चना के बाद दोनों शिलाओं को सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जा रहा है। रास्ते में इन शिलाओं के दर्शन और स्वागत के लिए भी लोग जुटे हैं।