सॉल्वर के साथ जेल में बंद युवक बना दरोगा:कानपुर में 20 मई को हुआ था गिरफ्तार, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने चयन किया निरस्त

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(www.arya-tv.com)  उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड की एक और बड़ी लापरवाही समाने आई है। सॉल्वर के साथ जेल में बंद युवक का सब-इंस्पेक्टर की सीधी भर्ती में चयन हो गया। उसने बिहार के सॉल्वर के सहारे लिखित परीक्षा के साथ ही फिजिकल भी पास किया था। उसको 20 मई को एसटीएफ ने कानपुर में बस स्टाप से गिरफ्तार कर बाबूपुरवा थाना पुलिस के सुपुर्द किया था। मामला संज्ञान में आने पर सोमवार यानी 27 जून की रात एक प्रेस नोट जारी कर उसका चयन निरस्त कर दिया।

सोशल मीडिया पर चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने पर जागा विभाग, जांच के आदेश
यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड का 12 जून को सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर पीएसी और अग्निशमन द्वितीय अधिकारी का रिजल्ट जारी हुआ था। इसमें 9,534 पदों पर भर्ती हुई थी। दरोगा के 9,027 पद पर भर्ती होने वालों में अनुसूचित जाति श्रेणी के अर्जुन नाम के युवक का भी नाम था।

वह बीस मई को कानपुर में शिशुपाल नाम से परीक्षा दिलाने के नाम पर गिरफ्तार हुआ था। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विभागीय अधिकारी सक्रिय हो गए और आनन-फानन में उसको अयोग्य घोषित कर दिया। साथ ही पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं।

बलिया के रहने वाले युवक का सॉल्वर से सात लाख में हुआ था सौदा
बलिया निवासी अर्जुन प्रसाद की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान कानपुर के राहुल से दोस्ती हुई थी। उसने ही बिहार नालंदा निवासी सॉल्वर शिशुपाल प्रसाद से सात लाख में सौदा तय कराया था।

एसटीएफ ने 20 मई को कानपुर में मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार किया। वह 19 मई को 37वीं पीएसी वाहनी कानपुर में शारीरिक परीक्षा का भी टेस्ट दे चुका था। इसमें उसका चेस्ट नंबर 0781 था।

शिशुपाल ने 16 नवंबर 2021 को अर्जुन प्रसाद की जगह लखनऊ जानकीपुरम में कास्मो फाउंडेशन में परीक्षा दी थी। उसके बाद 5 मई को प्रयागराज पुलिस लाइंस में अर्जुन की जगह दस्तावेजों का भी सत्यापन करा लिया था।

कानपुर पुलिस ने नहीं दी थी भर्ती बोर्ड को इसकी जानकारी
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरके विश्वकर्मा की तरफ से सोमवार रात एक प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें कहा गया है कि अभ्यर्थी और सॉल्वर की गिरफ्तारी के संबंध में कानपुर पुलिस ने कोई सूचना नहीं दी। जिससे यह चूक हुई।

मामला संज्ञान में आने पर अनुसूचित जनजाति श्रेणी में चयनित अभ्यर्थी अर्जुन प्रसाद को अंतिम चयन परिणाम से बाहर कर दिया गया है। साथ ही सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि भविष्य में पुलिस भर्ती की प्रक्रिया यदि किसी अभ्यर्थी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होता है तो उसकी सूचना जल्द से जल्द बोर्ड को अवश्य की जाए।