मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा तथा भारत के गौरव की पुनस्र्थापना की प्रसन्नता के साथ-साथ इस बात की भी प्रसन्नता थी कि हमने वचन निभाया और मन्दिर वहीं बनाया। जो कहा सो किया। जो संकल्प लिया उसकी सिद्धि हुई। हम केवल बोलते नहीं करते भी हैं। आज नव्य, भव्य और दिव्य अयोध्या को देखकर प्रत्येक व्यक्ति अभिभूत है। यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था। मन्दिर विवाद न्यायालय में लम्बित था, लेकिन वहां की सड़कों को चैड़ा तथा घाटों का पुनरुद्धार किया जा सकता था। अयोध्यावासियों को बिजली की आपूर्ति की जा सकती थी। अयोध्या में स्वच्छता की व्यवस्था की जा सकती थी। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं दी जा सकती थीं। एयरपोर्ट का निर्माण किया जा सकता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में गुप्तार घाट, राम घाट तथा नया घाट एक नए स्वरूप में आ गए हैं। रामजी की पैड़ी पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन हो रहा है। अयोध्या में 6-6 मल्टीलेवल पार्किंग बनी हैं। वहां रैनबसेरे बन रहे हैं। नई अयोध्या बसाने के लिए टाउनशिप की नई स्कीम आ रही है। अयोध्या में सभी राज्यों के स्टेट गेस्ट हाउस बनाने तथा भारत के सनातन धर्म से जुड़े हर पंथ और सम्प्रदाय को धर्मशाला निर्माण के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की पहली रैपिड रेल भी उत्तर प्रदेश में चली है। उत्तर प्रदेश देश में ऐसा पहला राज्य है, जहां पर सोलर चरखे से उत्पादित खादी को भी मान्यता दी गयी है। सोलर चरखा बुनकरों को निःशुल्क उपलब्ध करवाने का कार्य हुआ है। नदियों के पुनरुद्धार और वॉटर कंजर्वेशन के लिए भी उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है। वृक्षारोपण में भी देश में उत्तर प्रदेश ही नंबर एक पर है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है जिसकी पहचान आज देश के ग्रोथ इंजन के रूप में हो रही है। आज उत्तर प्रदेश, देश के विकास को ब्रेक थ्रू दे रहा है। राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में इन सभी मुद्दों का उल्लेख करके वर्ष 2017 से प्रदेश की उपलब्धियां का दस्तावेज प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को समवेत सदन के प्रति दिए गए उनके मार्गदर्शन और अभिभाषण के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी ने 11 फरवरी की तिथि हम सभी को अयोध्या में जाने के लिए तय की है। मुख्यमंत्री ने सभी से 11 फरवरी को अयोध्या जाने का आह्वान किया।