(www.arya-tv.com) वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दुर्गा पूजा उत्सव की खासी रंगत देखने को मिलती है. इस बार इस उत्सव में दाल से बनी प्रतिमा खासा आकर्षण का केंद्र रहेगी. वाराणसी के युवा मूर्तिकारों ने इस खास प्रतिमा को एक महीने में तैयार किया है. इस प्रतिमा को अलग-अलग तरह के ताल के प्रयोग से तैयार किया गया है. मां दुर्गा के प्रतिमा को तैयार करने में अरहर, मूंग, मसूर और उरद के 2.51 क्विंटल दाल का इस्तेमाल हुआ है. खास बात यह है कि मिट्टी और पुआल से बनी इन मूर्तियों को इन्हीं दाल से युवा मूर्तिकारों ने सजाया है.
पढ़ाई छोड़कर शीतल बन गए मूर्तिकार
मूर्तिकार शीतल कुमार चौरसिया ने बताया कि इस बार कुछ अलग थीम पर मूर्ति बनाने का ख्याल मन में आया तो 7 तरह से दाल से देवी की प्रतिमा को तैयार कर दिया. इसमें राजमा और काबली चना का प्रयोग भी हुआ है. इस काम में उनके 7 दोस्तों ने भी खूब मदद की. शीतल ने बताया कि बचपन से ही मूर्ति बनाने में मन लगता था. इसी शौक के कारण पढ़ाई भी छूट गई. लेकिन, मेहनत ने शीतल को अब एक सफल मूर्तिकार बना दिया है. खोजवां के रहने वाले शीतल कुमार चौरसिया अब पूरे साल देवी की प्रतिमा को तैयार करते हैं.शीतल ने बताया कि दुर्गापूजा के बाद सरस्वती पूजा और फिर महाशिवरात्रि के लिए भी प्रतिमा बनाते हैं. इसके बाद फिर दुर्गा पूजा उत्सव की तैयारी में जुट जाते है. शीतल ने बताया कि मूर्ति बनाने के ऑर्डर मिलते है. वाराणसी के अलावा आस-पास के जिलों से भी मूर्ति बनाने के ऑर्डर आते है. शीतल ने बताया कि इस बार दुर्गापूजा उत्सव को लेकर अलग-अलग थीम पर 2 दर्जन से ज्यादा छोटी- बड़ी प्रतिमाओं को तैयार किया है. लेकिन, इन प्रतिमाओं में दाल से बनी देवी की प्रतिमा खासा आकर्षण का केंद्र है.