साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया समेत खाड़ी देशों से पहुंचे जायरीन:आज से उर्स-ए-रिजवी

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(www.arya-tv.com)  बरेली में आला हजरत के 104वें उर्स-ए-रजवी का आगाज हो गया। इसमें शामिल होने के लिए साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और खाड़ी देशों से विदेशी जायरीन बरेली पहुंच चुके हैं। उम्मीद है कि पहले दिन 10 लाख से ज्यादा लोग उर्स में शामिल होंगे। शाम 4 बजे चादर चढ़ाने के साथ उर्स शुरू होगा। रात में मुशायरा और इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जानी है।

उर्स की सभी रस्में दरगाह परिसर के साथ ही इस्लामिया मैदान में अदा की जाएंगी। इसकी निगरानी दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी ( अहसन मियां) करेंगे।

निकलेगा परचमी जुलूस
इस बारे में मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया,”सबसे पहले पहले आजमनगर में हाजी अल्लाह बख्श के घर से जुलूस शाम 4 बजे निकलेगा। दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां इसकी अगुवाई करेंगे। कुमार टाकीज, इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुंचेगा।

वहां सलामी देने के बाद जुलूस वापस इस्लामिया मैदान पर पहुंचेगा। यहां दुनिया भर के उलेमा मौजूद रहेंगे। हजरत सुब्हानी मियां यहां परचम कुशाई यानी चादर चढ़ाने की रस्म को अदा करेंगे। इसी के साथ उर्स का विधिवत ऐलान हो जाएगा। मगरिब की नमाज पढ़ी जाएगी। रात में 10 बजकर 35 मिनट पर आला हजरत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म भी अदा होगी।

मुशायरा होगा, शेर पढ़े जाएंगे
इसके बाद मुशायरा होगा। हजरत अहसन मियां की अध्यक्षता में मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ्ती अफरोज आलम, कारी अब्दुर्रहमान कादरी, मुफ्ती अनवर अली और मौलाना डॉ. एजाज अंजुम की निगरानी में शुरू होगा।

मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया, “मुशायरा का मिसरा ‘इधर उम्मत की हसरत पर उधर खालिक की रहमत‘ पर होगा। देश-विदेश के शायर इसी मिसरे पर अपने-अपने कलाम पेश करेंगे। मुशायरा देर रात तक चलता रहेगा। मुशायरे की निजामत (संचालन) मौलाना फूल मोहम्मद नेमत रजवी और कारी नाजिर रजा बरेलवी एक साथ करेंगे।”