राहुल के बयान और अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा, अध्यक्ष ने कार्यवाही फिर स्थगित

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की नारेबाजी और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने बुधवार को लोकसभा में भारी हंगामा किया।

विपक्ष निकालेगा ईडी तक मार्च
शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही अपराह्न दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले विपक्ष ने अपनी रणनीति बनाने के लिए बैठक की और ईडी कार्यालय तक मार्च निकालने का फैसला किया।

सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया। इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। कुछ विपक्षी सदस्यों के हाथों में तख्तियां भी थीं।

उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के पास नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह सदन चर्चा और संवाद के लिए है, नीतियां बनाने के लिए है।

ओम बिरला कि अगर हम जनता का कल्याण करना चाहते हैं और सदन को लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं तो कम से कम सदन पर टिप्पणी नहीं करें। यह संसद लोकतंत्र का मंदिर है, आस्था का केंद्र है। सदन के अंदर और सदन के बाहर कभी संसद पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।

विपक्ष ने दी चेतावनी
लोकसभा अध्यक्ष ने आसन के पास तख्तियां दिखा रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं कि यह सदन तख्तियां लाने के लिए नहीं है। सीटों पर जाइए। मैं आपको पर्याप्त समय और पर्याप्त मौका दूंगा। यह गलत तरीका है। कभी भी सदन में तख्तियां दिखाने, नारेबाजी की अनुमति नहीं है।

अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में तख्तियां दिखाने, नारेबाजी का अधिकार संसद से बाहर है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लंदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन के एक सदस्य विदेश में जाकर संसद का अपमान करते हैं। यह गंभीर विषय है। सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सदस्य (राहुल गांधी) माफी नहीं मांगते तो हंगामा कर रहे सदस्यों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और यदि ये सदस्य इसी तरह तख्तियां दिखाते हैं तो इन्हें निलंबित किया जाए।

बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि क्या यह आपके लिए उचित है। आप क्या संदेश देना चाहते हैं। सदस्यों का यह व्यवहार क्या उचित है। हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।