कोविड से 3000% ज्यादा मारक निपाह वायरस:N-95 मास्क लगाने पर ही रहेंगे सुरक्षित

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(www.arya-tv.com)  केरल में निपाह वायरस से लॉकडाउन जैसे हालात हैं। चूंकि फ्लाइट के जरिए केरल से लोगों का यूपी में आना-जाना लगा रहता है, इसलिए इस वायरस को लेकर उत्तर प्रदेश का चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट जारी करने की तैयारी कर रहा है। डीजी मेडिकल हेल्थ डॉ.दीपा त्यागी की माने तो केरल में फैल रहे इस वायरस को लेकर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक, कोविड के सापेक्ष निपाह वायरस 3000% ज्यादा मारक है। इस वायरस के चपेट में आने के बाद रिकवरी की चांस 50% से कम रहते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि निपाह वायरस से मृत्यु दर 40-70% है। यह कोरोनावायरस से होने वाली मृत्यु दर की तुलना में काफी ज्यादा है। कोरोना से मृत्यु दर 2-3% है।

2018 में मोर्टेलिटी रेट करीब 80% था
डॉ. राजीव कहते हैं कि साल 2018 में पहली बार केरल में निपाह वायरस के अटैक की पुष्टि हुई थी। उस समय दक्षिण कोझिकोड में ही संक्रमित मिले थे। उस दौरान निपाह वायरस से बचने के लिए कोई विशेष गाइड लाइन तैयार नही थी। तब करीब 2 दर्जन लोग इसकी चपेट में आए थे, जिनमें से 18 लोगों की मौत हो गई थी। मोर्टेलिटी रेट करीब 80% था।

डॉ. राजीव ने बताया कि केरल से इस वायरस का यूपी पहुंचने के चांस कम ही हैं। मगर थोड़ा सचेत रहना जरूरी है। अगर एहतियात बरता जाए तो निपाह वायरस के स्प्रेड को रोका जा सकता हैं। आमतौर पर ये वायरस बहुत स्प्रेडर नहीं माना गया है। पर अगर किसी संक्रमित के संपर्क में आए तो इफेक्ट होना तय है।

बचाव के लिए ये कदम उठाने होंगे

  • कांट्रैक्ट ट्रेसिंग पर फोकस करना होगा।
  • कांट्रैक्ट में आए लोागें को 16 दिन के आइसोलेट रखना होगा।
  • निपाह से रिकवरी के चांस महज 40 से 50% तक रहते हैं। रिकवरी पीरियड भी 21 दिन का हैं।