महिला कॉन्स्टेबल पर हमले में सियासी उबाल:DGP ने एसटीएफ को भी जांच में लगाया

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(www.arya-tv.com) महिला कॉन्स्टेबल पर ट्रेन में हुए हमले पर हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद सियासी तूल पकड़ने लगा है। जहां सोमवार शाम को प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार और स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने KGMU ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर महिला कॉन्स्टेबल का हालचाल जाना।

डीजीपी ने पूरे मामले के खुलासे के लिए रेलवे और यूपी पुलिस के साथ एसटीएफ व जांच एजेंसी को भी लगाने की बात कही। अभी तक की जांच प्रापर्टी को लेकर रंजिश और लूटपाट के बिंदु की तरफ जा रही है। हालांकि जांच टीम अभी तक इस पर कुछ भी साफ नहीं बता रही है।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद यूपी के लॉ एंड ऑर्डर पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने 5 लोगों के प्रतिनिधि मंडल के साथ ट्रामा सेंटर पहुंच गए। हालांकि वहां मौजूद पुलिस ने संक्रमण का हवाला देते हुए उन्हें महिला सिपाही से मिलने नहीं दिया। उन्होंने उस वार्ड के डॉक्टर और CMS से महिला की सेहत के बारे में जानकारी ली।

पुलिस दो बिंदुओं पर कर रही जांच

1. हमलावरों ने प्लांड तरीके से घटना का अंजाम दिया। इसमें हमला करने के बाद महिला कॉन्स्टेबल को ट्रेन में मरा समझकर छोड़ दिया और रेप का रूप देने के लिए कपड़ों से छेड़छाड़ की। इसमें हमला करने वालों में कोई उसका परिचित होगा और उसी के कहने पर वह अयोध्या से मनकापुर तक बात करते हुए चली गई।

2. महिला कॉन्स्टेबल ट्रेन में सो गई और उसके साथ रास्ते में कोई नशेबाज या बदमाशों ने लूटपाट के इरादे से हमला बोल दिया और किसी के आने पर भाग निकले।

प्रॉपर्टी विवाद की बात भी आ रही सामने
जानकारों के मुताबिक प्रयागराज के भदरी सोरांव इलाके की रहने वाली महिला सिपाही के प्रॉपर्टी को लेकर भी विवाद चल रहा था। इसके चलते इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना के एंगल को मोड़ने के लिए ट्रेन में साजिश रची गई। जिससे उन पर कोई शक न करे। फिलहाल महिला कॉन्स्टेबल के होश में आने का सभी इंतजार कर रहे हैं, जिससे घटना और हमलावरों के विषय में सही जानकारी मिल सके।

महिला कांस्टेबल की चेहरे की हड्डी भी टूटी, हालत स्थिर
KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया, “गंभीर रूप से घायल हेड कांस्टेबल का इलाज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा हैं। ट्रॉमा सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, रेडियो डायग्नोसिस समेत कई विभाग के एक्सपर्ट चिकित्सक उसका इलाज कर रहे हैं। पीड़िता के हेड का फ्रंटल बोन डैमेज हैं। इसके अलावा फेसियल इंजरी भी हैं। चेहरे के बाई तरफ घाव के साथ प्रेशर इंजरी भी हैं यानी यहां की भी हड्डी टूट गई हैं। इसके अलावा नाक और आंख में भी गहरी चोट हैं।”

हमलावरों की तलाश, एसटीएफ ने भी शुरू की जांच
महिला कॉन्स्टेबल का ट्रॉमा सेंटर हालचाल लेने पहुंचे डीजीपी विजय कुमार ने बताया, पूरे मामले में जल्द ही खुलासा किया जाएगा। केस के वर्क आउट के लिए यूपी पुलिस, जीआरपी के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया है।

स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने कहा, महिला कॉन्स्टेबल के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। वह बात करने की स्थित में अभी नहीं है। घटनास्थल से फोरेंसिक साक्ष्य जुटाए गए हैं। अब तक की जांच में किसी तरह के यौन शोषण के साक्ष्य नहीं मिले हैं। इस संबंध में हाईकोर्ट से भी दिशा-निर्देश पर केस के खुलासे के लिए टीमों को लगाया गया है।