UNHCR ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, अगले चार महीनों के अदंर 5 लाख से ज्यादा अफगानी अपना देश छोड़ देंगे

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(www.arya-tv.com) अफगानिस्तान में खराब हालातों के चलते अपने ही देश को छोड़ने के लिए अफगान नागरिक जद्दोजहद कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों के मामले देखने वाली एजेंसी कहा है कि मौजूदा हालातों के चलते अगले चार माह में पांच लाख से ज्यादा अफगान नागरिक अफगानिस्तान छोड़ देंगे।

राजनीतिक अनिश्चितता के चलते बढ़ेगा पलयान
यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फार रिफ्यूजी (यूएनएचसीआर) ने शनिवार को एक बयान में कहा है कि 15 अगस्त को तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद अभी बड़े पैमाने पर पलायन नहीं हुआ है, लेकिन यहां राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति के कारण अब बड़े पैमाने पर अफगान नागरिक पलायन करेंगे। यूएनएचसीआर की डिप्टी हाई कमिश्नर कैली टी क्लेमेंट्स ने कहा कि जितना समझा जा रहा है, उससे ज्यादा तेजी से पलायन होगा। उन्होंने पड़ोसी देशों से कहा है कि वे अपनी सीमाओं को इन पीडि़त नागरिकों की मदद के लिए खुली रखें। अफगानिस्तान में भुखमरी की भी स्थिति बन रही है।

अफगानिस्तान में बढ़ी भुखमरी, 90 करोड़ की तत्काल मदद की जरुरत
हालात इतने खराब हैं कि विश्व खाद्य प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) ने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल 1.2 करोड़ डालर (करीब 90 करोड़ रुपये) की तत्काल मदद मांगी है, जिससे भूखे लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा सके। तमाम अफगान नागरिकों का कहना है कि राजनीतिक अनिश्चितता, बेरोजगारी और असुरक्षा के चलते वे अपना देश छोड़ने को मजबूर हैं।

काबुल एयरपोर्ट के निकट देश से बाहर जाने का इंतजार कर रहे हबीबुल्लाह और उसके पुत्र एजतुल्लाह कहा कि उन्हें तालिबान राज में अब अपना कोई भविष्य नहीं दिखाई दे रहा। अफगानिस्तान की ही रहने वाली वाली राहिला ने कहा कि अब अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए स्थितियां ठीक नहीं हैं। बता दें कि गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सेैनिकों के साथ काफी लोगों की जान गई है। जिसके बाद से वहां पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।