प्रयागराज।(www.arya-tv.com) नकली पुलिस बनकर लोगों से ठगी करते थे चाचा भतीजा ऐसे लोगों के वजह से हमारी पुलिस बदनाम होती है, दो बार हाइस्कूल फेल होने के बाद ट्रक चालक ने अपने अनपढ़ चाचा के साथ मिलकर फर्जी आइपीएस बन ठगी करने लगा। हालांकि जल्दी ही उनकी पोल खुल गई।
कई पुलिस अधिकारियों को फोन करने पर पुलिस उनके पीछे लग गई। जालसाज चाचा-भतीजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महीने भर में एसएसपी समेत कई अधिकारियों को फोन कर खुद को एडीजी या आइजी बताकर कभी किसी को छोडऩे की सिफारिश की गई तो कभी किसी मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने या एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा। फोन करने वाले की आवाज से ही पकड़ में आ जाता कि वह एडीजी या आइजी नहीं बल्कि कोई जालसाज है। दूसरे जिलों के एसपी के नाम से भी नवाबगंज और सोरांव समेत कई थाना प्रभारियों तथा सीओ को फोन किए गए थे। पुलिस ने जांच की तो मोबाइल नंबर फर्जी आइडी पर लिए गए थे। सभी नंबर की लोकेशन नवाबगंज इलाके में मिल रही थी इसलिए एसओजी और स्थानीय पुलिस उसी क्षेत्र में खोजबीन कर रही थी।
सोमवार दोपहर एसओजी ने पुलिस के साथ घेरकर दो लोगों को हाइवे पर पकड़ लिया जबकि एक भाग निकला। पकड़े गए दोनों लोगों को लालगोपालगंज चौकी ले जाकर तलाशी ली गई तो आइपीएस की दो फर्जी आइडी और पांच सिम व एक मोबाइल मिला। सिम फर्जी आइडी से लिए गए थे। एक आइडी पर लिखा था एडीजी मुकुल गोयल। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार जालसाजों में नवाबगंज के टिकरा पियरी उर्फ बिजलीपुर गांव का सिद्धार्थ पांडेय और उसका चाचा भाष्कर पांडेय है। फरार तीसरा जालसाज लव पांडेय प्रतापगढ़ में बाघराय इलाके में दुबेपुर गांव का रहने वाला है। इंस्पेक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि ये लोगों से उनका काम कराने और मुकदमे की पैरवी के लिए पैसे लेने के बाद खुद को फोन पर आइपीएस बताकर पुलिस अधिकारियों से सिफारिश करते थे।