प्रीपैक्ड खाद्य पदार्थों पर आज से 5 फीसदी जीएसटी:कानपुर के व्यापािरयों ने कहा- इससे बढ़ेगी महंगाई

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(www.arya-tv.com) सरकार के पैक्ड सामानों पर 5% जीएसटी बढ़ाए जाने के बाद व्यापारियों और आम लोगों में इसके प्रति रोष है। इसमें वो आइटम भी शामिल हैं जो हम डेली यूज करते है। साथ ही सामान 18% जीएसटी लगाई जाएगी। जीएसटी को लेकर लोगों का कहना है कि इससे महंगाई बढ़ेगी।

वहीं व्यापारियों में यह भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि क्या पैक्ड आइटमों पर भी जीएसटी लगेगी जिसमें केवल नाम लिखा हो। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। केंद्रीय माल एवं सेवाकर अधिनियम-2017 के मुताबिक अब चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी, दही, छाछ, लस्सी अन्य प्री-पैक्ड अनाज, बीज आदि पर जीएसटी लगेगा। इस निर्णय पर व्यापारी संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है।

“सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर”
जीएसटी काउंसिल अध्यक्ष, मर्चेंट चैंबर कानपुर संतोष गुप्ता ने बताया कि प्रीपैक्ड सामान पर लगाए जा रहे पांच प्रतिशत जीएसटी का भार सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। रोजमार्रा में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ के दामों में इजाफा होगा तो लोगों के घरों का बजट बिगडेगा।

छोट कारोबारियों का व्यापार प्रभावित होगा। दरअसल प्रीपैक्ड और लेबल को इस विस्तृत दायरे से इन कारोबारियों में भ्रम की स्थिति है कि जो जीएसटी लग रहा है, वह कैसे इसे देंगे। दूसरी ओर जीएसटी काउंसिल ने रिटेल पैक अर्थात 25 किग्रा तक के लिए संस्तुति की थी, लेकिन जारी विज्ञप्ति में 25 किग्रा रिटेल पैक का कोई जिक्र नहीं है।

स्पष्ट की जाए लगने वाले टैक्स की स्थिति
उत्तरप्रदेश खाद्य पदार्थ उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि 28/29 जून को जीएसटी काउंसिल की हुई 47 वी बैठक में प्री पैक्ड व प्री लेवल नॉन ब्रांडेड खाद्य पदार्थो पर थोपा जा रहा है। इसमें अनाज ,दाल, चावल ,गुड़ ,दही छाछ ,पनीर व अन्य खाद्य पदार्थो को कर मुक्त से 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में लाने का फैसला लिया गया है।

इस फैसले में मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत रिटेल शब्द जोड़े जाने से 25 किलो तक की पैंकिग में जी एस टी लगने का प्रस्ताव था। लेकिन उसके बाद 13 जुलाई के ब्रॉड नोटिफिकेशन में मेट्रोलॉजी एक्ट लिखा है, लेकिन रिटेल शब्द हटा हुआ है। जिससे प्रतीत हो रहा है सभी अनाज आदि खाद्य पदार्थो पर 5 प्रतिशत टैक्स लग गया है।

इस भ्रांति से कर विशेषज्ञों की राय भी अलग-अलग है। हमने इस भ्रम को दूर करने के लिए जीएसटी काउंसिल को पत्र लिखा है, कि 18 जुलाई से लागू होने वाले प्री पैक्ड व लेवल किये गए अनाज आदि खाद्य पदार्थो पर लगने वाले टैक्स की स्थिति स्पष्ट की जाए।