गंगा में गोआ जैसी मस्तियां:वाराणसी में गंगा में फ्लोटिंग जेट्टी और बाथ कुंड में नहा रहे सैलानी

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(www.arya-tv.com)  वाराणसी में कड़ी धूप के बीच गंगा स्नान काफी सूकुन दे रहा है। बाथ कुंड और फ्लोटिंग जेट्टी के बीच में बेखौफ होकर तैराकी और जलक्रीड़ा करते लोगों को देखा जा रहा है। नहाते-नहाते लोग फ्लोटिंग जेट्टी पर चढ़कर तस्वीरे भी लेते नजर आ रहे हैं, जो काफी एडवेंचरर्स फीलिंग दे रहा है। जो जहां नहां रहे, वहीं जेट्टी में बने चेंजिंग रूम्स में कपड़े बदलकर नए-नवेले कपड़ों में घाटों पर कदम रख रहे हैं।

वाराणसी में गंगा स्नान अब काफी सेफ, सुविधाजनक और काफी मस्ती भरा हो गया है। दशाश्वमेध घाट पर फ्लोटिंग जेट्टी और उसी पर चेजिंग रूम्स की ओपनिंग हो गई है। वहीं, बाकी 80 घाटों पर काम प्रगति पर है। 20×20 फीट का फ्लोटिंग बाथ कुंड, गंगा के पानी में बनी 34 मीटर लंबी और 8 मीटर चौड़ी फ्लोटिंग जेट्टी यंगस्टर्स को गोआ जैसी मौज-मस्ती दे रही है। गंगा में पहली बार स्विमिंग पुल भी देखने को मिल रहे हैं और इसी के तर्ज पर लोग अब घंटों गंगा में स्नान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल मार्च में फ्लोटिंग जेट्टी, बाथ कुंड और चेंजिंग रूम्स की आधारशिला रखी थी और अब यह बनकर सैलानियों और स्नानार्थियों के तैयार है। वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इसे विकसित किया जा रहा है। इसमें 99 लाख रुपए का खर्च आएगा। एक फ्लोटिंग जेट्टी पर एक बार में 30 लोग यानी कि 15 पुरष और 15 महिलाएं कपड़े बदल सकती हैं। जेट्टी के एक छोर पर पुरुषों और दूसरे छोर पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम है। यह काफी सुविधाजनक और सुरक्षा की लिहाज से बेहतर है।

नए कपड़ों में लौटेंगे घाटों पर

वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद गीले कपड़े पहने हुए ही घाटों पर लौटते हैं। इस दौरान काफी दिक्कतें होती हैं। घाटों के चेंजिंग रूम हमेशा फुल रहते हैं। ऐसे में महिलाएं या पुरुष जहां स्नान करेंगे, वहीं पर कपड़े भी बदल सकेंगे। घाट पर आप सूखे नए कपड़ों में आएंगे।

बहने या डूबने का रिस्क हुआ कम

गंगा घाटों पर स्नान के दौरान पैर फिसलने से रोजाना दर्जनों लोग बह जाते हैं। जिसमें से हर दिन 1 या 2 लोगों की डूबकर मौत हो जाती है। बाथ कुंड और फ्लोटिंग जेट्टी के बीच में नहाने से इस तरह का कोई खतरा सैलानियों या श्रद्धालुओं को नहीं होगा। वहीं, जेट्टी के चारों ओर बोट्स और जल पुलिस भी तैनात रहती है, जिससे कोई लापरवाही हो भी जाए तो समय रहते रेस्क्यू कर लिया जाए। बाढ़ के दौरान इस जेट्टी और चेंजिंग रूम्स को पूरी तरह से हटाया भी जा सकता है।