मरीजों की जान बचाने में नर्सिंग व पैरामेडिकल की भूमिका अहम- ब्रजेश पाठक

Lucknow
  • नर्सिंग कॉलेजों को मानक पूरा करने के दिए निर्देश
  • पीजीआई में राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का किया शुभारंभ

लखनऊ। नर्सिंग कॉलेजों को मानक पूरा करना होगा,इसके लिए लगातार जांच चल रही है। मरीजों की जान बचाने में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका अहम है। सरकार नर्सिंग की पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। नर्सिंग परीक्षा में स्वकेंद्र प्रणाली खत्म कर दी गई है। यह बातें शुक्रवार को पीजीआई कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तत्वावधान में आयोजित 16वीं राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का शुभारंभ के दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कही।

उन्होंने कहा कि नर्सिंग क्षेत्र में अच्छे छात्रों को लाने की पहल की गई है। इंटर कॉलेजों में छात्र-छात्राओं से संपर्क कर काउंसलिंग की जा रही है ताकि नर्सिंग के प्रति लोग जागरूक हो सकें। नर्सिंग पेशे को चुने। अब तक प्रदेश के 240 इंटर कॉलेजों में संपर्क किया जा चुका है। छात्रों को नर्सिंग की पढ़ाई, रोजगार के अवसरों से रूबरू कराया गया है,यह अभियान अभी जारी रहेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इंटर कॉलेजों में इसलिए संपर्क करना पड़ा, ताकि अच्छे छात्र नर्सिंग में कैरियर बना सकें। इससे पहले सरकार ने 4000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। लगभग एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा महज 3000 अभ्यर्थियों ने पास की और 2200 लोग मेरिट में आए।

डिप्टी सीएम ने कहा कि बाकी पद खाली रह गये। इसके बाद हमने नर्सिंग कॉलेजों की गुणवत्ता बढ़ाने का फैसला किया। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ को रोकने के लिए स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली बंद की गई।  डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में दाई को प्रशिक्षित किया जाए। सामान्य व जटिल प्रसव के बीच अंतर व लक्षणों की जानकारी दी जाये। इससे सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। बड़े अस्पतालों से मरीजों का दबाव कम होगा। मातृ एवं शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने में मदद मिलेगी। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा कि नर्सें मरीज और डॉक्टरों के बीच की कड़ी हैं, इन्हें और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।