मेरठ में जितनी ग्राम पंचायतें, उतनी ही दर्ज हुईं आपत्तियां का अंबार

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मेरठ (www.arya-tv.com) त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव के लिए जारी हुई आरक्षण की अंतरिम सूची के विरोध में आपत्तियों का अंबार अधिकारियों के पास लगा। जनपद में जितनी ग्राम पंचायतें हैं लगभग उतनी ही आपत्तियां लोगों ने दर्ज कराई। गुरुवार तक 75 प्रतिशत आपत्तियां निरस्त कर दी गई। आपत्तियों में उचित तर्क न होने के कारण जारी किए गए आरक्षण प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हो सका है।

ग्राम पंचायत चुनाव के लिए किए गए आरक्षण ने तमाम दावेदारों के सपनों को चूर कर दिया है। दावेदारों को अंतिम उम्मीद आपत्ति के रूप में नजर आई और जनपद में मौजूद 479 ग्राम पंचायतों की संख्या के करीब ही 475 आपत्तियां दर्ज करा दी गई।

सबसे अधिक आपत्तियां ग्राम प्रधान पद के लिए किए गए आरक्षण में बदलाव के लिए दर्ज हुई। जबकि क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य वार्ड के आरक्षण में बदलाव के लिए सबसे कम आपत्तियां दर्ज की गई।

उधर, निस्तारण के दूसरे दिन गुरुवार की शाम तक करीब 75 प्रतिशत आपत्तियों का नियमानुसार निस्तारण कर दिया गया। निस्तारित की गई आपत्तियों में किसी भी आपत्ति में ऐसा कोई मजबूत तर्क नहीं मिला जिस को लेकर आरक्षण की स्थिति में कोई बदलाव किया जा सके।

अब शुक्रवार को निस्तारण के अंतिम दिन बचीं हुई आपत्तियों को अवलोकन के बाद निस्तारित किया जाएगा। इसके बाद आपत्तियों से संबंधित सूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद 13 मार्च को आरक्षण से संबंधित अंतिम सूची का प्रकाशन कर सूचना शासन को भेज दी जाएगी।

तर्क कुछ नहीं, सिर्फ आरोप

ग्राम प्रधान के लिए हुए आरक्षण को लेकर दर्ज की गई आपत्तियों में किसी में भी ठोस तर्क नहीं दिया गया है। अधिकांश में पूर्व में हुए आरक्षण और गांव की स्थिति को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई गई है। जबकि कई आपत्तियों में कई तरह के आरोप लगाकर आरक्षण में बदलाव की मांग की गई है। यहीं कारण रहा कि बड़ी संख्या में आपत्ति दर्ज होने के बाद भी किसी में भी मजबूत तर्क सामने नहीं आ सका।

डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने कहा- बड़ी संख्या में आरक्षण बदलाव के लिए आपत्तियां लोगों ने दर्ज कराई है। जिनका नियमानुसार निस्तारण किया जा रहा है। शुक्रवार को सभी आपत्तियों का निस्तारण कर सूची तैयार की जाएगी।