कतर की सबसे बड़ी अदालत में होगा 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों के भविष्‍य का फैसला, मौत की सजा से क्‍या मिलेगी रिहाई?

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(www.arya-tv.com) कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को कुछ राहत आने वाले दिनों में मिल सकती है। पहले उन्‍हें कतर की तरफ से काउंसलर एक्‍सेस मुहैया कराया गया और अब उनके केस की सुनवाई अपीली कोर्ट में करने का फैसला किया गया है।

गुरुवार को दोहा स्थित एक अदालत में इन आठ पूर्व नौसैनिकों के केस की तीसरी सुनवाई हुई है। अगली सुनवाई जल्‍द होने की संभावना है। कतर की अपीली अदालत को किसी भी आम व्‍यक्ति के लिए अपील करने के लिए सर्वोच्‍च स्‍थान माना जाता है।

इस तरह की अदालतों में केस से जुड़े तथ्‍यों को दोबारा परखा नहीं जाता है। ये कोर्ट सिर्फ प्रांसगिक कानूनों की व्‍याख्‍या करते हैं।

क्षमादान की उम्‍मीद

न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अगली सुनवाई में चीजें और स्‍पष्‍ट होने की संभावना है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के शेख तमीम बिन हमाद अल थानी की मुलाकात हुई है तब से ही एक उम्‍मीद जागी है।

दोनों नेताओं के बीच दुबई में कोप28 से इतर मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने इसके बाद एक्‍स (ट्विटर) पर पोस्‍ट किया था, ‘संभावित द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में भारतीय समुदाय की बेहतरी को लेकर हमारी अच्‍छी बातचीत हुई।’ 18 दिसंबर को कतर का राष्‍ट्रीय दिवस होता है।

ऐसे में यहां के शेख तमाम बिन हमाद कुछ लोगों को माफी देते हैं। पूर्व नौसैनिकों के परिवारों को उम्‍मीद है कि उन्‍हें भी इस मौके पर क्षमा‍दान दिया जा सकता है। परिवार के कुछ सदस्‍यों की तरफ से पहले भी एक दया याचिका डाली जा चुकी है।

कब-कब हुई सुनवाई

चार दिन पहले कतर ने भारतीय राजदूत को पूर्व नौसैनिकों से मिलने की मंजूरी दी थी। फिलहाल 23 नवंबर, 30 नवंबर और सात दिसंबर को अपीली कोर्ट में तीन बार सुनवाई हो चुकी है।

गुरुवार को विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई थी कि भारतीय राजदूतों को कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों से मिलने के लिए कांसुलर एक्‍सेस हासिल हो गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मामले में भारत की अपील स्वीकार करने के बाद, कतर की कोर्ट ने मामले में दो सुनवाई की हैं और भारत सभी कानूनी और कांसुलर सहायता प्रदान कर रहा है।

राजदूत ने की मुलाकात
तीन दिसंबर को राजदूत ने इन पूर्व नौस‍ैनिकों से मुलाकात की है। विदेश मंत्रालय ने इस मसले को एक संवेदनशील मामला करार दिया है। मंत्रालय की मानें तो इस दिशा में जो भी जरूरी होगा, भारत सरकार करेगी।

कतर की कोर्ट ने 26 अक्‍टूबर को पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने तब कहा था कि कतर का फैसला चौंकाने वाला है और मामले में सभी कानूनी विकल्पों को तलाशा जा रहा है।

नवंबर में, कतर के अधिकारियों ने दायर की गई अपील को स्वीकार कर लिया था। भारत सरकार की तरफ से अदालत की अगली सुनवाई जल्द ही होने की उम्मीद जताई जा रही है।