अवधेश राय हत्याकांड के वक्त विधायक नहीं थे मुख्तार:31 साल बाद भी विधायक नहीं

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(www.arya-tv.com) पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को चार केस में सजा मिल चुका है। पांचवें केस में पांच जून को कोर्ट सजा सुना सकती है। मुख्तार के खिलाफ पांचवें केस में कई दिलचस्प पहलू शामिल हैं। मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था। उस दौरान वह विधायक नहीं था। जब केस में फैसला आ रहा तब भी वह विधायक नहीं है।

देश में ‘माननीयों’ के खिलाफ केस की सुनवाई के लिए MP/MLA कोर्ट बनाया गया है। इसमें विधायक और सांसद के केस की सुनवाई होती है। ऐसे में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के केस की सुनवाई भी MP/MLA कोर्ट में पूरी हुई है। मुख्तार के खिलाफ 5वें केस अवधेश राय हत्याकांड में MP/MLA में तब फैसला आ रहा है। जब वह विधायक नहीं हैं और वारदात के समय भी वह विधायक नहीं थे।

सामान्य जनता और नेताओं की सुनवाई के लिए ADJ कोर्ट हैं। लेकिन मुख्तार का केस लगातार गवाहों समेत जिरह के बीच MP/MLA कोर्ट में सुना गया। वकीलों की माने, तो प्रदेश में मुख्तार के खिलाफ यह पहला केस है। जिसमें उसने राजनीति में आने से पहले अंजाम दिया।

मुख्तार के विधायकी में दर्ज केस के अब तक आए फैसले

पूर्व विधायक के खिलाफ जजमेंट का पहला केस मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि उनके कई साल की वकालत में यह पहला केस है। जिसमें पूर्व विधायक के केस की सुनवाई MP/MLA कोर्ट में पूरी हुई है। अवधेश राय हत्याकांड में नाजमद उनके मुवक्किल पर जब वारदात का आरोप लगा तब भी वह विधायक नहीं थे और अब जजमेंट के समय पर भी वह विधायक नहीं थे।

अब तक आए फैसलों में मुख्तार के विधायक रहते केस दर्ज हुए थे इसलिए उनकी सुनवाई विशेष कोर्ट में तर्क सम्मत है। लेकिन पूर्व विधायक के केस की सुनवाई विशेष अदालत में नहीं होनी चाहिए थी।

अवधेश राय हत्याकांड को किसी अन्य अपर जिला जज की अदालत में सुना जाना चाहिए था। यह केस कई मामलों में नजीर बनेगा। जिसमें पूर्व विधायक पर MPM बिना ओरिजिनल कॉपी के केस का फैसला आ रहा है।