मुख्यमंत्री ने डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर महासभा परिसर में आयोजित विशेष श्रद्धांजलि सभा में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए

Lucknow
  • मुख्यमंत्री ने डाॅ0 आंबेडकर महासभा परिसर में स्थापित तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण डाॅ0 आंबेडकर के अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि दुनिया में जहां कहीं भी जब किसी दबे कुचले समाज की आवाज को बुलंद करने की बात आती है, तो लोगों के मन में बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर का नाम अनायास ही आ जाता है। बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर भारतीय संविधान के शिल्पी थे। प्रत्येक काम, देश के नाम उनका सपना था। बाबा साहब ने कहा था कि हम सभी सबसे पहले व अन्त में भारतीय हैं। उन्होंने बिना झुके व बिना डिगे भारत और भारतीयता के लिए कार्य किया। यही कारण है कि पूरे देश में बड़ी संख्या में बाबा साहब डाॅ0 आम्बेडकर से जुड़े स्मारक हैं।

मुख्यमंत्री  आज बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर यहां भारतरत्न बोधिसत्व बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर महासभा परिसर में आयोजित विशेष श्रद्धांजलि सभा में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने डाॅ0 आम्बेडकर महासभा परिसर में स्थापित तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा डाॅ0 आम्बेडकर के अस्थि कलश पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर केवल लखनऊ में ही कार्यक्रम नहीं हो रहा है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद के सरकारी कार्यालयांे, स्कूलों व अन्य संस्थाओं में इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए शासनादेश जारी किया है। आज राष्ट्रपति जी, उपराष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों द्वारा बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार बाबा साहब डाॅ0 आम्बेडकर के सपनों को साकार करने की दिशा में अनेक कार्यक्रम चला रही हंै। प्रदेश सरकार प्रत्येक गरीब, दलित और वंचित के साथ खड़ी है। प्रदेश में पहले मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, अहरिया तथा सहरिया आदि जनजातियों की आवाज दबा दी जाती थी। यह जनजातियां  सीमित क्षेत्र में निवास करती हैं। जबकि बाबा साहब ने उनके उत्थान के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही थी। इन समुदायों को 70 वर्षों तक वोट देने का अधिकार तक नहीं था। मुसहर, कोल, भील, सहरिया व अहरिया आदि प्रत्येक दलित और वंचित समुदाय को पक्का मकान, जमीन का पट्टा, शौचालय, राशन कार्ड, जॉब कार्ड, पेंशन, निःशुल्क राशन आदि सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में कार्य किया गया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि वर्ष 1977 में प्रदेश में इंसेफेलाइटिस बीमारी ने दस्तक दी थी। 40 वर्षों में इस बीमारी से 50 हजार बच्चों की मृत्यु हुई थी। इस बीमारी से होने वाली 90 प्रतिशत मौतें दलित और अल्पसंख्यक समुदाय में होतीं थीं।  अब इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित किया जा चुका है। यदि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण नहीं होता, हर घर नल योजना से पेयजल की व्यवस्था नहीं होती और डबल इंजन सरकार व्यापक अभियान नहीं चलाती तो इंसेफेलाइटिस बीमारी कभी समाप्त नहीं होती।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रत्येक कार्यक्रम की निगरानी की गयी। गरीबों के लिए निःशुल्क राशन, भरण-पोषण भत्ता, निःशुल्क ट्रेस, टेस्ट व उपचार तथा निःशुल्क कोरोना वैक्सीन की व्यवस्था की गई। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में कोरोना की दो सर्वाधिक प्रभावी वैक्सीन भारत में निर्मित की गईं। सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले बड़े-बड़े देशों में भी यह कार्य संभव नहीं हुआ।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री  ब्रजेश पाठक, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह तथा समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  असीम अरुण ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, अध्यक्ष डाॅ0 आम्बेडकर महासभा ट्रस्ट व विधान परिषद सदस्य डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक  योगेश शुक्ल सहित अन्य एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।