गंगा में 6 बच्चे डूबे, 2 की मौत:गोताखोरों ने 4 को बचाया, कानपुर के सिद्धनाथ घाट पर नहाने गए थे

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(www.arya-tv.com) कानपुर के जाजमऊ सिद्धनाथ घाट पर नहाने के दौरान छह किशोर डूब गए। बच्चों की चीख-पुकार सुन वहां मौजूद गोताखोरों ने गंगा में छलांग लगा दी और चार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जबकि दो का कोई सुराग नहीं मिला। घंटों की तलाश के बाद दोनों का शव बरामद हुआ। हादसे की जानकारी मिलते ही बच्चों के घर में कोहराम मच गया। जाजमऊ थाने की पुलिस ने दोनों का शव पंचायतनामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

सफीपुर के छह किशोर एक साथ निकले थे गंगा नहाने
चकेरी सफीपुर फर्स्ट के रहने वाले अजय कुमार का 14 साल का बेटा शिवा सिंह कक्षा नौ का छात्र था। इलाके के सर्वेन्द्र कुमार का 15 वर्षीय बेटा आद्विक उर्फ लक्ष्य हाईस्कूल का छात्र था। दोनों इलाके के सुशील के बेटे रितिक पांडेय (14), संतोष के बेटे निखिल निषाद (14), राजन के बेटे विवेक निषाद (15) और राजाराम के बेटे आर्यन निषाद (15) के साथ जाजमऊ के सिद्धनाथ घाट में गंगा नहाने पहुंचे थे।

नहाने के दौरान खेलते हुए सभी गंगा की बीच धारा में पहुंच गए और तेज बहाव की चपेट में आ गए। देखते ही देखते सभी पानी में डूबने लगे। चीख-पुकार सुन घाट पर मौजूद गोताखोरों ने गंगा में छलांग लगा दी। गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत से चार किशोरों को बाहर निकाला और छाती पर पंपिंग करके पानी बाहर निकाला। तब जाकर छात्रों को सांस आ सकी और पास के निजी अस्पताल पहुंचाया।

जबकि लक्ष्य और शिवा को बाहर निकालने में देरी हो गई। दोनों का शरीर ठंडा पड़ गया था। आनन-फानन में दोनों को कांशीराम अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

थाना प्रभारी रामबाबू सिंह ने बताया कि सभी किशोर गंगा में नहाने के दौरान डूबने लगे थे। गोताखोरों ने सभी को बाहर निकाला। परिजनों ने मृतका पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है। लिखित में परिजनों से लेकर शवों को उनके सुपुर्द कर दिया गया है।

गोताखोरों ने जान की बाजी लगाकर चार को बचाया
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सिद्धनाथ घाट पर रहने वाले गोताखोर रईस अहमद ने बताया कि उनके साथ ही उनकी टीम के अन्य खोताखोरों ने बच्चों की चीख सुनते ही गंगा में कूद गए। बगैर कुछ देखे बीच धारा में पहुंच गए और चार बच्चों को कड़ी मशक्कत से बचा लिया। जबकि दो को चंद मिनट देरी होने पर डूबने से सांसे थम गईं। अगर गोताखोर नहीं होते तो बड़ा हादसा होता और पूरे छह बच्चे काल के गाल में समा जाते। जाजमऊ थाना प्रभारी ने गोताखोरों को सम्मानित करने की बात कही है।