लाखों करोड़ रुपये के टैक्स में फंसे मुकदमों के पेंच, इन टैक्स पेयर्स को मिलने वाली है राहत

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(www.Arya Tv .Com) टैक्स संबंधी कानूनी विवादों के चलते बड़ी रकम के मामले लटके हुए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी देश में 18 से 20 लाख करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड से जुड़े मामले मुकदमों में फंसे हुए हैं और वे प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं.

इन तरीकों के हैं लंबित मामले

मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि विभिन्न सेक्टरों के कई मामले अभी मुकदमों में फंसे हुए हैं. उन तमाम मामलों में पेंडिंग टैक्स डिमांड 18 से 20 लाख करोड़ रुपये की है. मुकदमों के चलते लंबित मामलों में ट्रांसफर प्राइसिंग, रॉयल्टी पेमेंट, वैरियस हेड के तहत कमाई के क्लासिफिकेशन, टैक्सपेयर्स के द्वारा क्लेम किए गए डिडक्शंस आदि शामिल हैं.

ऐसे होते हैं टैक्स के विवाद

ये मामले डाइरेक्ट टैक्स से जुड़े हुए हैं. डाइरेक्ट टैक्स के दायरे में इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स आदि आते हैं. डाइरेक्ट टैक्स से जुड़े विवादों की मुख्य वजह टैक्स असेसमेंट को लेकर डिपार्टमेंट और टैक्सपेयर के बीच उभरने वाली असहमतियां होती है. डिपार्टमेंट टैक्स को असेस करने के बाद अगर लगता है कि टैक्सपेयर ने कम टैक्स भरा या ज्यादा डिडक्शन क्लेम कर लिया तो टैक्सपेयर को नोटिस भेजा जाता है.

हालिया बजट में हुआ ऐलान

टैक्स से जुड़े विवादों को सेटलमेंट, एग्रीमेंट या विवाद को सुलटाने की वैकल्पिक व्यवस्थाओं के माध्यम से दूर किया जाता है. अभी हाल ही में पेश बजट में भी टैक्स विवादों को सुलटाने से जुड़ा एक बड़ा प्रावधान किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में बजट पेश करते हुए कई टैक्सपेयर्स के लिए पेंडिंग डिमांड नोटिस को समाप्त करने का ऐलान किया.

विवादों में आएगी इतनी कमी

बजट में किए गए ऐलान के अनुसार, वित्त वर्ष 2009-10 तक 25 हजार रुपये तक की टैक्स डिमांड और वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 के बीच के 10 हजार रुपये तक की पेंडिंग डिमांड वापस होंगी. इससे 2 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग मामले कम होंगे और पेंडिंग टैक्स डिमांड की ओवरऑल रकम में 3,500 करोड़ रुपये की कमी आएगी. सरकार टैक्स विवादों का बोझ कम करने के लिए कई प्रयास करती है. यह बजट ऐलान उन्हीं प्रयासों का हिस्सा है.