लखनऊ आएंगे किसान:गाय-भैंसों के साथ 15 जुलाई को लखनऊ घेरेंगे गन्ना किसान

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले गन्ना किसान 15 जुलाई को लखनऊ का घेराव करेंगे। किसानों की मांग है कि 11 हजार करोड़ रूपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाए। साथ ही गन्ना मूल्य 450 रूपए प्रति क्विंटल किया जाए। किसानों अपने इस प्रदर्शन में गाय-भैंसे भी लेकर आएंगे। इसका ऐलान सोमवार को प्रेस क्लब में उत्तर प्रदेश किसान मोर्चा के संयोजक सरदार वीएम सिंह ने किया।

वीएम सिंह ने कहा कि केंद्र और यूपी की सरकार ने चुनाव के पहले काफी बड़े वादे किए थे। लेकिन, सरकार बनने के बाद उन वादों को भूल गई। सरकार ने किसानों की आय को दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन सच्चाई यह है कि किसानों को उनका ही हक नहीं मिल रहा है। गन्ना के बकाया का भुगतान सरकार नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह किसानों का हक है। उनकी मेहनत की कमाई पर सरकार डाका डाल रही है। इतना ही नहीं इस सरकार के आने के बाद महंगाई चरम पर है। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमाना छूने लगे हैं। इनके दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। सरकार इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। पूरे देश का पेट भरने वाला किसान भूखे मरने की कगार पर आ गया है।

साढ़े तीन करोड़ मतदाता, मांगें नहीं मानीं तो सरकार पलट देंगे

वीएम सिंह ने कहा कि प्रदेश में साढ़े तीन करोड़ गन्ना किसानों के वोट हैं। सरकार अगर हमारा हक नहीं देती है तो हम 2022 में योगी की सरकार को पलट देंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ हुए छलावे को अब भूलेंगे नहीं।

राहत पैकेज का एक फीसदी किसानों के लिए पर्याप्त

वीएम सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने बीस लाख का राहत पैकेज देने का ऐलान कोरोना को देखते हुए किया था। अगर सरकार इसका एक फीसदी भी किसानों को देती है तो सारे बकाये पूरे हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश की भागीदारी करीब तीन लाख करोड़ रूपए से ज्यादा की है, जबकि किसानों को बकाया और ब्याज सहित महज बीस हजार करोड़ रूपए की ही जरूरत है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

प्रमुख मांगें

– 2011 से किसानों के गन्ने के भुगतान का ब्याज दिया जाए – 450 रूपए प्रति क्विंटल गन्ना की दर तय की जाए – किसानों की हर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी तय की जाए – पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जाए – कीटनाशक दवाओं का मूल्य कम किया जाए