चीन से अमेरिकी शहरों के लिए उड़ानें कम:छात्र चार्टर प्लेन या पांच गुना तक ज्यादा किराया देकर अमेरिका पहुंच रहे हैं

Education International

(www.arya-tv.com)अमेरिका में अगले सेमेस्टर के लिए कॉलेज खुल रहे हैं। इसलिए विदेशी छात्र यहां आकर पढ़ाई करना चाहते हैं। लेकिन अमेरिका पहुंचने के लिए उन्हें उड़ानों की कमी या वीसा संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक, अमेरिका में 2019-20 में 11 लाख विदेश छात्रों का नामांकन था। इनमें से एक तिहाई छात्र चीन के हैं। ज्यादातर छात्र कोरोना के कारण चीन लौट चुके थे। अब ये अमेरिका जाकर दोबारा पढ़ाई करना चाहते हैं।

लेकिन चीन से अमेरिकी शहरों के लिए उड़ानों की संख्या बहुत कम कर दी गई है। इसलिए कुछ छात्र चार्टर विमान के जरिए अमेरिका जा रहे हैं। कुछ छात्रों ने पांच गुना अधिक कीमत पर विमान का टिकट खरीदा। जबकि कुछ छात्रों ने एक से अधिक टिकट खरीदा, ताकि अगर एक रद्द हो जाए तो दूसरा काम आ सके। जबकि भारत समेत अन्य कई देशों के छात्र वीसा संशोधन जैसे नियमों में फंस गए हैं। इसका कारण यह है कि विदेश विभाग ने कोरोना के कारण दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है।

ये दूतावास तेजी से बदलते वैक्सीन दिशा-निर्देशों के बारे में ठीक-ठीक जवाब नहीं दे पा रहे है। इन सब चुनौतियों ने छात्रों और कॉलेजों के सामने अनिश्चितता की स्थिति कायम कर दी है। पानीपत की सारा दहिया और जयपुर के पलाश चटर्जी कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि उनके टिकट रद्द नहीं किए जाएंगे। वे अमेरिका जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। विभिन्न समस्याओं के कारण पिछले साल अमेरिका के कॉलेजों में दाखिले में 16% की गिरावट आई है। इससे कॉलेजों के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है।

अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में कई छात्रों ने दाखिला रद्द करने का निवेदन तक भेज दिया। सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष (संचालन) डॉन हेलर ने कहा- ‘आजकल छात्रों के लिए कनाडा जाना आसान हो गया है। इसलिए अमेरिका न आ सकने वाले छात्र या तो कनाडा की किसी यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लेते हैं या अपने देश में ही रहकर पढ़ना पसंद करते हैं।

यूनिवर्सिटी ने छात्रों को रिझाने की पूरी कोशिश की, पर काम न आया

अमेरिका के बोस्टन स्थिति नॉर्थ इस्टर्न यूनिवर्सिटी ने छात्रों की यात्रा, वैक्सीन और वीसा समस्याओं के लिए 200 से अधिक ऑनलाइन सलाह सत्र आयोजित किए। छात्रों को समझाने के लिए आधा दर्जन भाषाओं का विकल्प दिया। इसके बावजूद छात्र स्थानीय समस्याओं के कारण अपने देशों में फंसे रहे। जैसे जुलाई में चीन से अमेरिका के लिए 61 उड़ानें तय हैं। जबकि आम दिनों में इस एक महीने में अमेरिका के लिए 1,626 उड़ानें होती हैं।

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