सोनल सेहगल की ‘मैनी’ ने मियामी इंटरनेशनल साइंस फिक्शन फिल्म फेस्टिवल में जीते 4 बड़े अवॉर्ड्स

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(www.arya-tv.com)फिल्म ‘मैनी’ की भारतीय प्रोड्यूसर सोनल सहगल के लिए ये पल किसी जश्न से कम नहीं है क्योंकि इस फिल्म ने ‘मियामी इंटरनेशनल साइंस फिक्शन फिल्म फेस्टिवल’ में 4 अवार्ड्स जीते हैं। यह पहली भारतीय साइंस फिक्शन फिल्म है। इस थ्रिलर फिल्म की लेखिका और प्रोड्यूसर सोनल सहगल हैं। साथ ही फिल्म को कोप्रोड्यूस क्रिस्टल पुड़ाने और मराना प्रोडक्शन ने किया है।

फिल्म ‘मैनी’ को मिले सबसे ज्यादा अवार्ड और नॉमिनेशन

डायरेक्टर ट्रॉय कहते हैं, ‘फिल्म ‘मैनी’ को सबसे ज्यादा नॉमिनेशन मिले और इसने सबसे ज्यादा अवार्ड अपने नाम किए। इस फेस्टिवल में 120 फिल्मों को चुना गया था जो 30 अलग-अलग देशों से आयी थीं। फिल्म को बेस्ट साइंस फिक्शन फिल्म रनर अप का अवार्ड मिला। बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवार्ड गाटिस ग्रिनबर्ग्स को दिया गया। बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर का अवार्ड नरेश कामथ और बेस्ट स्पोर्टिंग का अवार्ड एक्टर टोनी हॉकिन्स को मिला।

मैं और फिल्म के डायरेक्टर ऑनलाइन ही बात करते थे- नरेश कामथ

कंपोजर और सिंगर नरेश कामथ को मिला बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के लिए इंटरनेशनल अवार्ड। वे इस जीत के लिए बहुत खुश हैं। ये इस फिल्म के दो ओरिजनल साउंड ट्रैक के कंपोजर के साथ-साथ सिंगर भी हैं। नरेश कहते हैं, ‘इस महामारी ने हमें काम को एक नए तरीके से करने की सीख दी है। फिल्म को बनाते समय मैं और फिल्म के डायरेक्टर ऑनलाइन ही बात करते थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब स्टूडियो में बिना डायरेक्टर की मौजूदगी से इतना बड़ा काम हुआ और मुझे लगता है कि इसने काम भी किया’।

सोनल नहीं अटेंड कर पाई ये फंक्शन

सोनल सेहगल कहती हैं, “समय की अनियमित्ता और समय का आकलन ठीक से न हो पाने की वजह से मैंने इतना बड़ा पल खो दिया। मुझे लगा कि ये फंक्शन दिन में होगा, बाद में जब मैं सोकर उठी तब कुछ मैसेज और फोन कॉल मिस हो गए थे। बाद में हमारे डायरेक्टर ट्रॉय बर्नर ने बताया कि हमें ढेर सारे अवार्ड मिले हैं और मेरे लिए यह सब एक सपने जैसा था।” कोविड के चलते मियामी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन ऑनलाइन ही किया गया। स्क्रीनिंग फंक्शन फेस्टिवल की वेबसाइट पर ही हुआ, जहां 30 देशों से प्रतिभागी जुड़े थे।

फिल्म की कहानी एक महिला के सफर की कहानी है

फिल्म एक ऐसी भारतीय महिला के सफर की कहानी है जो लटविया जाती है, एक लेखक के तौर पर ऑटोबायोग्राफी लिखने। उसकी जिंदगी में काफी सारे मोड़ आते हैं, जब वे तीन प्यार की राहों में जाकर फस जाती है एक असल में, दूसरा जो उसकी कल्पना में है और तीसरा जो उसके साथ है यानि की आदमी, औरत और वो खुद। फिल्म की कहानी आपको बांधे रखती है। एक घर में जहां इसे कैद कर लिया जाता है और वहां वो बहुत ही बहादुरी से अपनी खुद की सच्चाई का सामना करती है। साथ ही उस कैद से भाग निकलने में कामयाब भी होती है। फिल्म ‘मैनी’ काफी फिल्म फेस्टिवल में जा चुकी है और सफलतापूर्वक दिखाई भी जा चुकी है। इसे बेस्ट फिल्म के लिए ‘यूरोपियन सिनेमाटोग्राफी’ का अवार्ड भी मिल चुका है।