श्वे​ता तिवारी को मिली बेटे रयांस की कस्टडी, पति को मिलने की इजाजत

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(Vivek sahu)

(www.arya-tv.com) बॉम्बे हाईकोर्ट ने श्वेता तिवारी को उनके बेटे रेयांश की कस्टडी दे दी है। वहीं उनसे अलग हो चुके पति अभिनव कोहली को बेटे से मिलने के अधिकार दिए गए हैं। श्वेता तिवारी और अभिनव कोहली पिछले कई महीनों से बेटे रेयांश की कस्टडी की के लिए लड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब श्वेता को उनके बेटे रेयांश की कस्टडी दे दी है और अभिनव कोहली को बेटे से मुलाकात का अधिकार दिया गया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभिनव को बेटे रेयांश से सप्ताह में दो घंटे बिल्डिंग के कॉम्प्लेक्स में परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में मिलने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा वह प्रतिदिन आधे घंटे बेटे से वीडियो कॉल पर बात भी कर सकते हैl श्वेता ने अब अपने बेटे की कस्टडी मिलने पर बात की है और कहा कि वह इस निर्णय से खुश हैं।

श्वेता कहती है, ‘मैं यही चाहता थी और ईमानदारी से कहूं तो मैं निर्णय से संतुष्ट हूं। पिछले दो वर्षों में मैं जहां भी गई हूं, अभिनव मेरा पीछा करता रहा है। मैं दिल्ली या पुणे जहां भी रेयांश के साथ शो के लिए जाती थींl वह वहां आकर हंगामा करना शुरू कर देता था। यह चीज मुझे और मेरे बच्चे को मानसिक रूप से थका देने वाली होती थी।’ इसके पहले अभिनव ने अपनी याचिका में कहा था कि श्वेता एक व्यस्त एक्ट्रेस हैं और इसलिए उनके पास बेटे रेयांश के लिए समय नहीं होता है।

इस बारे में बात करते हुए श्वेता ने कहा कि ऐसे तो हर कामकाजी मां पर सवाल उठने लगेंगेl यह हर माता-पिता के अधिकारों पर लागू होगा, जो जीवन जीने के लिए काम करते है। इस बारे में बताते हुए श्वेता ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के लिए काम करती हूं और उन्हें एक अच्छी लाइफस्टाइल देना चाहती हूंl इसमें क्या गलत है? लेकिन अभिनव इसे मेरे खिलाफ उपयोग करता रहा और मुझे खुशी है कि अदालत ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है।’

दूसरी ओर अभिनव कोहली ने भी अदालत के निर्णय का सम्मान करते हुए कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत बड़ी राहत की बात है क्योंकि मैं कई महीनों से कस्टडी के लिए लड़ रहा हूं। मैं अपने बेटे से 11 महीने से ज्यादा समय से नहीं मिला हूंl इसलिए मुझे खुशी है कि मैं आखिरकार अब उसे देख पाऊंगा। अभी तो शुरुआत है और अभी बहुत कुछ जीतना है। यह मेरी जीत नहीं, मेरे बेटे रेयांश की जीत है। उसने श्वेता और मेरी लड़ाई के बीच जीत प्राप्त की है। रेयांश को अब अपने पिता से मिलने का अवसर मिलेगा।’