स्वास्थ्य विभाग में लाखों का घोटाला:उपकरणों की खरीद के नाम पर लाखों का घोटाला हुआ उजागर

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(www.arya-tv.com) अयोध्या के स्वास्थ्य विभाग में लाखों का घोटाला सामने आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी ने पूरी रिपोर्ट वित्त नियंत्रक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भेजी है। रिपोर्ट के मुताबिक चहेती फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए लाखों का घोटाला किया गया है। यह घोटाला स्वास्थ्य विभाग में कम्प्यूटर, लैपटॉप और अन्य उपकरणों की खरीद के नाम पर किया गया है। डीएम की अध्यक्षता वाली गठित क्रय समिति के अनुमोदन के बिना ही अधिकारी ने निर्धारित नियमों को ताक पर रखकर प्रक्रिया पूरी किया।

जेम पोर्टल में भारी अनियमितता
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से 14 जुलाई 2022 को वित्त नियंत्रक को रिपोर्ट भेजी गई। रिपोर्ट के अनुसार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच ने जेम पोर्टल के माध्यम से जिला अस्पताल टेली मेडिसिन हब, कोविड केयर सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर और 85 उप केंद्रों के लिए अनियमित ढंग से कंप्यूटर, लैपटॉप, वेब कैम स्पीकर, प्रिंटर की खरीद किया था। रिपोर्ट के मुताबिक इस क्रय प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती है। वित्तीय वर्ष 2021 – 22 में बिड नम्बर जेम/2022/बी/1959095 आमंत्रित करने से पहले क्रय समिति का अनुमोदन ही नहीं लिया गया। इतना ही नहीं टैबलेट और अन्य उपकरणों की खरीददारी में निजी संस्था को लाभ पहुंचाया गया। इतना ही नहीं बिड खोलते समय क्रय समिति के सदस्यों तक को सूचना दिए बिना अकेले बिड खोल ली गई। जिसके कारण सम्पूर्ण प्रक्रिया को अनियमित पाया गया है।

बिड पूरी किए बिना ही सामानों की ली डिलीवरी

वित्त एवं लेखाधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक आरसी एसीएमओ आरसीएच ने नियमानुसार इसे निरस्त किए बिना सामानों की डिलीवरी क्रय आदेश से पहले ही ले ली गई थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 31 मार्च 2022 तक बिड पूरी नहीं हो पाई थी। रिपोर्ट के मुताबिक पूरे प्रक्रिया के दौरान घोर अनियमितता बरती गई। यही कारण है कि जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी जुलाई में सामानों के तकनीकी परीक्षण से इंकार कर क्रय प्रक्रिया को दूषित ठहरा दिया। रिपोर्ट के अनुसार मनमाने ढंग से न केवल खरीद की गई बल्कि आनन-फानन में उसे केन्द्रों तक भी पहुंचा दिया गया।

लाखों के उपकरणों की गलत ढंग से की गई खरीदारी

जिला अस्पताल के लिए टेलीमेडिसिन के तहत कम्प्यूटर, लैपटॉप, वेब कैम स्पीकर 11 लाख 22 हजार, कोविड केयर सेंटर के लिए 2 लाख 50 हजार, वेलनेस सेंटरों के लिए 60 हजार की दर से 118 लैपटॉप व प्रिंटर की 70 लाख 80 हजार, सीएमओ कार्यालय के लिए इन्हीं उपकरणों की 6 लाख 60 हजार समेत कुल एक करोड़ नौ लाख से अधिक की अनियमित खरीद की गई। हालांकि यह धनराशि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सामने आई है आगे जांच यह बढ़ सकती है।

एक ही परिवार के नाम पर चल रही दोनों फर्म

रिपोर्ट के मुताबिक मेसर्स विश्वास एडवाइजर्स के प्रोपराइटर मनीष गर्ग हैं तो उनकी पत्नी पिंकी गर्ग लवली भूमिका इंटरप्राइजेज की मालिक है। जबकि तीसरी आगरा की ही कंपनी रिचा सेल्स कॉर्पोरेशन है। दो फर्मे एक ही दम्पत्ति के नाम से से है। वित्त नियंत्रक को भेजी गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है, कि तीनों ने समूह बनाकर कर बिड में प्रतिभाग किया जो विसंगति पूर्ण व अनियमित है।

सीएमओ डा. अजय राजा ने बताया कि इस प्रकरण को डीएम के सामने रखा गया था। उन्होंने एनआईसी को निर्देशित किया था। एनआईसी की ओर से सभी खरीदे गए लैपटाप ,डेस्क टाप व हेड फोन आदि का निरीक्षण किया गया। सभी लैपटाप सही पाए गए हैं। डेस्कटाप व हेड फोन में कुछ कमी बतायी गई है। जिसके लिए कम्पनी को लिखा गया है।