हूती विद्रोहियों पर हवाई हमला, UAE में ड्रोन अटैक के बाद किया पलटवार

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(www.arya-tv.com)  सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गठबंधन के फाइटर जेट्स ने मंगलवार आधी रात को यमन की राजधानी सना में हूती केंद्रों पर बम बरसाए। इन विद्रोहियों ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबुधाबी पर ड्रोन अटैक किया था। अबुधाबी के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और तेल डिपो के पास किए गए हमले में 2 भारतीयों समेत 3 लोगों की मौत हो गई।

सऊदी की अगुआई वाली गठबंधन सेना और हूती विद्रोहियों के बीच लंबे वक्त से संघर्ष जारी है। इस संघर्ष की शुरुआत 2015 में हूती विद्रोहियों के यमन की राजधानी सना पर कब्जा के बाद हुई थी। सऊदी गठबंधन सेना ने इसी साल इनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी। इसके बाद विद्रोहियों और अरब देशों में वार-पलटवार शुरू हो गया।

शिया इस्लाम को मानने वाले हैं हूती विद्रोही?
शिया इस्लाम को मानने वाले हूती विद्रोहियों का उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा है। ये इस इलाके में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा का विरोध करते हैं। 2015 में यमन की राजधानी सना पर हूती विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। सऊदी अरब हादी का समर्थन करता है, इस वजह से वो विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमला करता है। ऐसा माना जाता है कि यमन की सेना का एक धड़ा भी विद्रोहियों के सपोर्ट में है।

बढ़ावा देने में ईरान का नाम भी

इन विद्रोहियों को बढ़ावा देने में ईरान का नाम भी सामने आता है। ईरान और हूती विद्रोही दोनों शिया इस्लाम को मानते हैं। इस जुड़ाव की वजह से ईरान पर आरोप लगाते हैं कि वो हथियार और पैसे देकर इनकी मदद करता है। ईरान और सऊदी दोनों ही इस्लामी दुनिया का मुखिया बनना चाहते हैं। ईरान इन विद्रोहियों की मदद से यमन में शिया सरकार स्थापित करना चाहता है, जबकि सुन्नी विचारधारा को मानने वाला सऊदी इन्हें रोकने में लगा रहता है।

सितंबर 2019 में हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों पर हमला करने का दावा किया था। जिससे पूरी दुनिया के तेल बाजार पर असर पड़ा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हूती विद्रोह के चलते अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।