चीनी सामान के खरीद फरोख्त पर लगे रासुका: साध्वी प्राची

Lucknow

आर्य टीवी डेस्क। LAC पर सोमवार को चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। इस घटना के बाद एक बार फिर चाइना का भारत में जमकर विरोध हो रहा है। चाइनीज सामान का बहिष्कार करने की सोशल मीडिया पर अपीलें वायरल हो रही हैं।

चीनी सामान के खरीद फरोख्त पर लगे रासुका

इसी बीच विश्व हिंदू परिषद की फायरब्रांड नेता डॉ. साध्वी प्राची ने कहा कि अब समय आ गया है कि चाइना को जवाब दिया जाए। मोदी सरकार को चाइनीज सामान पर पूर्णंतय: प्रतिबंध लगा देना चाहिए। सरकार को यह अध्यादेश लाना चाहिए कि जो भी चाइनीज सामान खरीदे या फिर बेंचेगा उस पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।

कूटनीति से काम  लेना होगा

डॉ प्राची ने कहा कि चीन कहता कुछ है और करता कुछ है। भारत को चीन की बातों में नहीं आना चाहिए। विचारणीय बात तो यह है कि जो विवादित जगह हैं उस पर चाइना ने पोजिशन क्यों ली है। हमें हर हाल में सतर्क रहना चाहिए। चाइना पर हमें कोई विश्वास नहीं करना चाहिए। 1962 के युद्ध के बाद में जो निर्णय हुआ उस सीमा को भी चीन बार बार लांघता रहा है। अब वह भारत की सीमा की तरफ बार बार बढ़ रहा है। भारत की जो सीमा है उस पर चाइना कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। हमें कठोरता से कूटनीति के द्वारा काम करना चाहिए।

अमेरिका से दोस्ती चीन को खटकती है

साध्वी प्राची ने कहा कि हम तो सड़क अपनी बना रहे हैं। अपनी जगह पर बना रहे हैं फिर चाइना को दिक्कत क्या है। मुझे समझ आ रहा है कि भारत और अमेरिका की दोस्ती से चाइना परेशान है। ट्रंप ने चुनाव के दौरान ह्वाइट हाउस में कहा था कि अगर ट्रंप जीतते हैं तो भारत को एक वफादार दोस्त मिलेगा। अब चीन तो वफादार है नहीं। भारत और अमेरिका की दोस्ती चीन को खटक रही है।

युद्ध से सबका नुकशान

मेरे विचार से युद्ध न तो चाइना के लिए ठीक है न भारत के लिए। एक तरफ पूरी दुनिया चाइनीज वायरस से जूझ रही है वहीं चाइना ऐसी हरकतें कर रहा है। साध्वी ने कहा कि बातचीत से जितना भी हो सके मामले को सुलझाने की कोशिश होनी चाहिए। हालांकि अपनी पोस्ट पर हमें सतर्कता और बढ़ा देनी चाहिए। पाकिस्तान बद्तमीज है लेकिन चाइना बदमाश है। ये बदमाशी करता है मैं कहती हूं लातों के भूत बातों से नहीं मानते लेकिन प्रयास कर लेना इस वक्त ज्यादा बेहतर है।

आखिर चीन को आपत्ति क्यों

चीन भारत के साथ जैसा बर्ताव करे उसे उसी भाषा में जवाब मिलना चाहिए। चाइना की इस बदमाशी को पूरा विश्व देख रहा है। अमेरिका भी नजर लगाए है। भारत के निर्माण से आखिर चाइना को आपत्ति क्यों है। भाई अपने घर में कोई कुछ करे तो पड़ोसी को क्या। अच्छे पड़ोसी का धर्म होता है कि वह ऐसे हालात में मदद करे, लेकिन जो नालायक पड़ोसी होते हैं वह बदतमीजी करते हैं।

चीनी सामान का हो बहिष्कार

दरअसल भारत सुपर पावर बनने जा रहा है जो कि चाइना को हजम नहीं हो रहा है। चाइना अमेरिका की दोस्ती को देखकर परेशान है। भारत निर्माण करने में सक्षम हो रहा है इसलिए वह चाइनीज चीजों का विरोध करेगा इसी वहज से चीन परेशान है। चाइना को दर्द हो रहा है। पांच लाख करोड़ का जो चाइनीज सामान भारत के बाजार में आता है। अब जरूरत है कि हमें उसका ​बहिष्कार करना होगा। अगर हमने ऐसा कर दिया तो चाइना खुद ब खुद ठीक हो जाएगा।

स्वदेशी अपनाएं भारत को मजबूत बनाएं

डॉ प्राची ने कहा कि भारत को एक अच्छी नीति बनानी चाहिए। जिसमें चाइना के सामानों का बहिष्कार करने की जरूरत न पड़े भारत में ही कम दामों में अच्छा सामान मिले। भारतवासी कर्ज से भारत को मुक्त करें और भारत माता का फर्ज निभाएं। भारत सुपर पावर बने उसमें हम सब अपना योगदान करें। ये चिंतन करें विचार करें। स्वदेशी अपनाएं। भारत सुपर पावर बनाने में सहयोग करे। चाइना को भारत पूरी तरह से मात दे सके। चाइना नकली सामान को कम दामों में बेच रहा है हम अच्छी क्वालिटी में अच्छा सामान बनाएं ताकि लोग स्वदेशी की तरफ आएं।