आर्य टीवी। स्थानी कला दीर्घा कला स्रोत अलीगंज में मंथन सीरीज के अंतर्गत विश्व भारती शांति निकेतन से पधारे प्रख्यात मूर्तिकार प्रो. पंकज पवार के साथ परिचर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। पंकज पवार ने शांतिनिकेतन के 100 वर्षों की यात्रा के बारे में एक विस्तृत वृतांत प्रस्तुत किया, उन्होंने बताया कि कैसे किन परिस्थितियों में शांति निकेतन की स्थापना हुई और उसके शुरुआती दिनों में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कला के प्रति समर्पण तथा विचारधारा और बाद में अवनींद्र नाथ जी एवं नंदलाल बोस के द्वारा किस प्रकार से शांतिनिकेतन में कला का ज्ञापन कर देश का नेतृत्व किया गया।
उन्होंने इस लंबी यात्रा को याद करते हुए तमाम चित्रकारों रामकिंकर बैज सोमनाथ होर केजी सुब्रमण्यम आदि की कला यात्रा तथा उनके जीवन पर भी चर्चा किया कार्यक्रम के अंत में छात्रों एवं कला रसिक कलाकारों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का पंकज ने विस्तार पूर्वक जवाब दिया पूरे कार्यक्रम में कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्र टेक्नो ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के छात्र तथा राष्ट्रीय ललित कला केंद्र के कार्य कलाकारों के अलावा प्रो. जय कृष्ण अग्रवाल, अफसर राजीव नयन, संदीप भाटिया, सुशील कनौजिया, प्रो. राकेश चंद्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय माधवी श्रीवास्तव, बृजेश वर्मा, वैभव द्विवेदी, राहुल शाक्य तथा अनेक कला प्रेमी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. आलोक कुमार ने किया कार्यक्रम के अंत में आलोक कुमार ने कार्यक्रम का सार संक्षेप प्रस्तुत करते हुए शांतिनिकेतन में बिताए गए अपने समय को याद किया तथा बताया कि वहां का माहौल कलाकारों के लिए बेहद प्रेरणादायक एवं उपयोगी है और उन्होंने अपनी कलाकृतियों एवं शांति निकेतन के मूल स्वरूप को बचाकर रखा हुआ है उन्होंने कला भवन के कलेक्शन तथा केजी सुब्रमण्यम आदि प्रमुख कलाकारों की कलाकृतियों आदि की चर्चा की।
सभा के अंत में कला स्रोत आर्ट गैलरी के निदेशक अनुराग डीडवानिया ने सभी कलाकारों के प्रति धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि खराब मौसम और आकस्मिक सूचना के बावजूद आप लोग इतनी बड़ी संख्या में आए इससे हमें ऐसे ही और कार्यक्रम आयोजित करने की प्रेरणा मिलती है। कार्यक्रम के शुरू में मानसी डीडवानिया ने सभी कलाकारों का गुलदस्ता देकर स्वागत तथा अभिनंदन किया।