यूपीसीए के निदेशक पद से राजीव शुक्ल का इस्तीफा

# ## UP

(www.arya-tv.com) यूपीसीए में हर रोज कुछ ना कुछ नया देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में संघ के निदेशक पद से राजीव शुक्ला हट गए हैं। चर्चा है कि उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया है। जबकि इस पूरे मामले में केवाईसी की फॉर्मेलिटी पूरी ना होने की वजह से उनका नाम रजिस्ट्रार आफ कंपनीज (आरओसी) ने पहले ही निष्क्रिय कर दिया था। उसके बाद अब वेबसाइट से भी नाम हटा दिया गया है। अब वह संघ में लाइफ मेंबर की हैसियत से ही सक्रिय रहेंगे। वह अब साल में होने वाली एजीएम बैठक में ही शामिल हो पाएंगे।

 17 साल रहे निदेशक

पिछले दिनों आरओसी में शिकायत की गई थी। जिसकों संज्ञान में लेकर ने नोटिस जारी करने के बाद भी राजीव शुक्ल ने कोई जवाब नही दिया। उसके बाद 26 अक्टूबर 2021 को उनके निदेशक के अधिकार छीन लिए गए थे। इसके लिए आरओसी ने यूपीसीए को पत्र भेज कर अवगत भी कराया था। लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद आरओसी की यूपीसीए के दिये लिंक में राजीव शुक्ल का नाम हटा दिया गया है।

चर्चाएं काफी तेज है

कहा जा रहा है कि राजीव शुक्ला ने यूपीसीए के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बात को लेकर के चर्चाएं काफी तेज है। आरओसी में केवाईसी की फॉर्मेलिटीज पूरी नहीं होने की वजह से उनके सभी पावर पहले ही छीन ले गए थे और उनके पद को निष्क्रिय भी कर दिया गया था। इसके बाद राजीव शुक्ल के पास कोई रास्ता भी नहीं बचा था। जानकारी के अनुसार ऐसे में राजीव शुक्ला ने खुद ही पद से इस्तीफा देना बेहतर समझा।

हर दिन आपसी लड़ाई तेज होती जा रही है

यूपीसीए के दोनों गुटों के बीच हर दिन आपसी लड़ाई तेज होती जा रही है। यूपीसीए में काबिज राजीव शुक्ल खेमें पर राकेश मिश्र लाबी लगातार शिकायत कर मनमानी और आर्थिक घोटालों के आरोप लगा रही है। पिछले दिनों कानपुर में हुए पांच दिवसीय टेस्ट मैच में आपसी घमासान के चलते सभी निदेशक नदारद रहे।

राजीव शुक्ला खेमे पर राकेश मिश्रा गुट ने आरोप लगाए हैं, कि डायरेक्टर ने यूपीसीए पर कब्जा कर रखा है और एपेक्स कमेटी को काम नहीं करने दे रहे हैं। संघ के मेमोरेंडम के मुताबिक, सारे निर्णय के अधिकार सिर्फ एपेक्स कमेटी के पास है। यह मामला पहले बीसीसीआई के पास गया। कोई कार्यवाही नही होने के कारण अब हाईकोर्ट पहुंच गया है।