कर्नाटक के श्यामशिला से बन सकती है रामलला की मूर्ति:श्रीराम के धनुर्धारी बाल स्वरूप दिखेंगे

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(www.arya-tv.com) अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए रामलला की अचल मूर्ति को लेकर भक्तों का इंतजार खत्म होने वाला है। कर्नाटक की श्यामशिला से रामलला की मूर्ति बनाई जा सकती है। इस श्यामशिला को मैसूर के मूर्तिकार तराशेंगे। मूर्ति 5 फीट की होगी। रामलला अपने भक्तों को धनुर्धारी बाल स्वरूप में दर्शन देंगे। मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में हो सकती है। इसके संकेत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़ी अनौपचारिक बैठक के बाद मिले हैं।

‘जो भी पत्थर आए हैं उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट मई में मिलेगी’
ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल का यह भी कहना है कि रामलला की मूर्ति बनाने के लिए अब तक जो भी पत्थर आए हैं, उनकी टेस्टिंग रिपोर्ट आगामी मई के अंतिम दिनों में हम सब को मिल जाएगी। इसके बाद ही रामलला की मूर्ति को लेकर चल रहे मंथन पर पूरी तरह विराम लग सकेगा।

उन्होंने कहा कि मई में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज का जन्मोत्सव कार्यक्रम है। इसमें ट्रस्ट के लोगों का अयोध्या आगमन होगा। इस दौरान कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। जो शिलाएं आईं हैं, उन्हें रामसेवक पुरम में रखा गया है

मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज रामलला की मूर्ति बनाएंगे
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य उडुप्पी पीठाधीश्वर स्वामी विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य के अनुसार, कर्नाटक के श्याम शिला से रामलला की मूर्ति बनने के आसार हैं। मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज रामलला मूर्ति बनाने के लिए पहुंचे हैं। बैठक में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी पर भी मंथन हुआ। ऐसे संकेत हैं कि 5 वर्षीय रामलला के बाल स्वरूप की धनुर्धारी रूप में प्रतिमा होगी। यह मूर्ति 5 फिट की होगी।

उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 में रामलला अपने मूल गर्भगृह में विराजमान होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त विद्वानों से मांगी गई है। इस बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, उडुप्पी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य, कामेश्वर चौपाल, अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र, डॉ अनिल मिश्रा, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी भी मौजूद रहे।

तीर्थ प्रसन्नाचार्य बोले-जून तक मंदिर की छत बन जाएगी
प्रसन्नाचार्य ने बताया कि बैठक के पहले मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति को दिखा गया है। जून तक मंदिर छत को ढाले जाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मूर्ति किस प्रकार से बनना है, सभी चित्रों को एकत्र करके फाइनल कर दिया गया है। भगवान रामलला की मूर्ति 5 साल के आयु वाले मुख में मधुर मुस्कान और खड़े मुद्रा में हाथ में धनुष लिए हुए होंगे। ऐसा सोचा गया है कि कर्नाटक के कारकर और हिग्रेवनकोटे गांव से लाए गए पत्थरों पर मूर्ति का कार्य किया जाएगा।

चंपत राय बोले-ट्रस्टियों को मंदिर की जानकारी दी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आज ट्रस्टियों को मंदिर निर्माण के संबंध में जानकारी दी गई। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान क्या-क्या किया जा सकता है? इस पर लोगों ने अपनी बातें रखी है।

ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंदिर के भूतल को तैयार करने के बाद मंदिर के पहले और दूसरे तल का निर्माण होता रहेगा।