सरयू में नहीं जाएगा राम मंदिर का पानी, पूरे 70 एकड़ में विकसित होगा परिसर, चंपत राय ने दिया निर्माण पर बड़ा अपडेट

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(www.arya-tv.com) अयोध्या में रामलला के धाम के उद्घाटन की तारीख करीब आते ही इसको लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है। मंदिर में कैसे प्रवेश मिलेगा? कहां मंदिर का निर्माण हो रहा है? यह सभी सवाल लोगों के मन में उमड़ रहे थे। इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने बड़ी जानकारी साझा की है।

उन्होंने बताया कि क्यों छोटे भाग में मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि राम जन्मभूमि परिसर 70 एकड़ में फैला हुआ है। चंपत राय ने साफ किया है कि पूरे 70 एकड़ परिसर में निर्माण कार्य कराया जाएगा।

यहां पर राम मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों का भी निर्माण होना है। वहीं, उन्होंने राम मंदिर से निकलने वाले पानी के सरयू नदी में न जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मंदिर का अलग सीवरेज सिस्टम होगा।

राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को तीन चरणों में पूरा कराया जाना है। तीसरा और आखिरी चरण के निर्माण की प्रक्रिया को दिसंबर 2025 तक पूरा कराया जाएगा। चंपत राय ने प्रभु रामलला के दर्शन के लिए 33 सीढ़ियों के पार करने की बात भी कही। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर किया जा रहा है। यहां तीन मंजिला मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है, पहली मंजिल निर्माणाधीन है। इसका कार्य अगले साल पूरा हो जाएगा।

बनकर तैयार हो चुका है रामलला का धाम

महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला का धाम बनकर तैयार हो गया है। ग्राउंड फ्लोर के निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। प्रथम तल के निर्माण का कार्य चल रहा है। उन्होंने मंदिर निर्माण के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

चंपत राय ने कहा कि प्रभु रामलला के दर्शन के लिए भक्तों को 33 सीढ़ी चढ़ना पड़ेगा। इसके बाद वे मुख्य धाम तक पहुंचेंगे। दिव्यांग जनों के लिए मंदिर के पश्चिमी भाग में लिफ्ट की भी व्यवस्था रहेगी। चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के एक कोने पर सूर्य मंदिर और दूसरे कोने पर शिव जी का मंदिर होगा।

पूर्वी दिशा से प्रवेश, दक्षिण से निकास

राम मंदिर में पूर्वी दिशा से श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जाएगा। वहीं, प्रभु रामलला का दर्शन करने के बाद भक्त दक्षिणी दिशा से बाहर निकल सकेंगे। मंदिर का विस्तृत खाका रखते हुए चंपत राय ने स्पष्ट किया कि राम जन्मभूमि के 70 एकड़ भूमि में रामलला परिसर का निर्माण होगा।

परिसर के भीतर अलग-अलग 44 द्वार बनाए गए हैं। इस परिसर में भगवान राम के गुरुओं का मंदिर होगा। सबरी और अहिल्याबाई माता के मंदिर भी होंगे। मुख्य मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनके निर्माण की प्रक्रिया को आरंभ किया जाएगा।

परिसर के उत्तरी भाग में मंदिर

राम जन्मभूमि परिसर के उत्तरी भाग में मंदिर का निर्माण किया गया है। यह भाग काफी पतला है। इसको लेकर उठते सवालों पर चंपत राय ने कहा कि लोग विस्तृत भाग में भी मंदिर बनाए जाने की बात कर सकते हैं।

उनके लिए यह जानना जरूरी है कि राम जन्मभूमि के जिस क्षेत्र के लिए वर्षों तक आंदोलन चला, वहीं पर मंदिर का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर की दक्षिणी भुजा पर हनुमान जी का मंदिर होगा। वहीं उत्तरी भाग में माता अन्नपूर्णा का मंदिर बनेगा। परकोटे का निर्माण चल रहा है। इसको पूरी तरह से बनने में 6 से 8 महीने का समय और लग सकता है।

सरयू में नहीं जाएगा राम जन्मभूमि का पानी

राम जन्मभूमि परिसर को लेकर चंपत राय ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर का अपना अलग सीवरेज सिस्टम होगा। यहां का पानी नगर निगम की नालियों से नहीं बहेगा। नगर निगम की नालियों में वेस्टेज नहीं जाएगा। मंदिर के लिए अलग सीवरेज सिस्टम होगा।

यहां पर पेयजल से लेकर बिजली सप्लाई की लाइन भी अलग होगी। इस मंदिर को लेकर तमाम व्यवस्था को पूरा कराया जा रहा है। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को लेकर तैयारियों को भी पूरा कराए जाने की बात महासचिव ने कही।