(www.arya-tv.com) प्रयागराज के लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि इस बार रंगपर्व पर पुतिन और जेलेंस्की के बीच दमकल युद्ध होने वाला है। हैरान न हों, यह युद्ध वास्तव में नहीं होगा, बल्कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का प्रतीकात्मक बनाकर दमकल युद्ध की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। इसके लिए आयोजकों ने तैयारी भी तेज कर दी है। आइए जानें प्रयागराज की यह अनोखी परंपरा।
यूं तो होली का पर्व हर जगह मनाया जाता है लेकिन प्रयागराज की होली प्रसिद्ध है। पुराने शहर के लोकनाथ की होली बेमिसाल होती है तो शहर के दारागंज इलाके में भी होली की अनोखी परंपरा है। यह परंपरा है ‘दमकल युद्ध’। आप भी इस परंपरा से वाकिफ हों। दमकल युद्ध पिछली बार पीएम नरेन्द्र मोदी और बाइडेन के बीच हुआ था।
रंगोत्सव होली के पर्व की खुमारी हर किसी के सिर चढ़कर बोलने लगी है। 18 मार्च को खेले जाने वाले रंग की तैयारियां भी जोरशोर से चल रही है। महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के दारागंज मोहल्ले में ‘दमकल युद्ध’ की अनोखी परंपरा करीब 100 वर्ष पुरानी है। इस बार भी दमकल युद्ध कराया जाएगा। दमकल युद्ध में इस बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने होंगे। दोनों एक-दूसरे के ऊपर दमकल से रंगों की बौछार करेंगे। शंख, घंटा, घडिय़ाल के वादन व फिल्मी गानों की धुन के बीच दमकल युद्ध होगा। दोनों के बीच होने वाले युद्ध में निर्णायक की भूमिका में दारागंज के होलियारे होंगे।
बड़े केन में होते हैं प्राकृतिक रंग
दमकल युद्ध मे दो तरफ बनाई जाने वाली टीम के पास बड़े बड़े केन में भरे प्राकृतिक रंग होते हैं। अबीर गुलाल टेसू के फूल के साथ होली खेली जाती है। सबसे पहले भगवान वेणी माधव के चरणों में रंग बरसाया जाता है उसके बाद एक दूसरी टीमों पर । हरे रंग, रासायनिक रंग, वार्निश आदि का इस्तेमाल करने वाले को दमकल कर्मी न मानते हुए टीम से बाहर कर दिया जाता है। दमकल युद्ध की परंपरा करीब 100 वर्ष पुरानी है।