INS विंध्यगिरि लॉन्च करेंगी राष्ट्रपति:लेटेस्ट रडार सिस्टम और एंटी-सबमरीन सिस्टम से भी होगा लैस

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(www.arya-tv.com) भारतीय सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। वे कोलकाता में कुछ देर में जंगी जहाज (वॉरशिप) INS विंध्यगिरि को लॉन्च करेंगी। यह नीलगिरी क्लास का फ्रिगेट है, जो एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोजेक्ट 17A के जहाजों को इंडियन नेवी वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने इन-हाउस डिजाइन किया है। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की गई है। इस युद्धपोत में दो हेलिकॉप्टर भी तैनात हो सकते हैं।

INS विंध्यगिरि की खासियत

वॉरशिप एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और ऑटो मेलारा नौसैनिक गन से भी लैस हैं, जो दुश्मन के जहाज या हेलिकॉप्टर पर हमला कर उसे तबाह कर सकती हैं। इसके अलावा विंध्यगिरि बराक-8 मिसाइल लॉन्च करने में कैपेबल है। INS विंध्यगिरि युद्धपोत बेहतर स्टेल्थ फीचर्स, एडवांस्ड हथियार, सेंसर, प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, लेटेस्ट रडार सिस्टम और एंटी सबमरीन वेपन सिस्टम से लैस है।

INS विंध्यगिरि प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट का छठा जहाज है। इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) में बनाए गया है। प्रोजेक्ट 17ए के तहत मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) की तरफ से 4 और GRSE की तरफ से तीन जहाज बनाए जा रहे हैं। पहले 5 जहाज 2019 से 2022 के बीच लॉन्च हो चुके हैं।

2025 में लॉन्च होगा सातवां शिप

छठे जहाज INS विंध्यगिरि का नाम इसके पहले के जहाजों INS नीलगिरि, INS हिमगिरि, INS उदयगिरि, INS दूनागिरि और INS तारागिरि की ही तरह पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया है। सातवें युद्धपोत का नाम नया होगा, क्योंकि इसका कोई पुराना इतिहास नहीं है। इसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा।

31 साल तक नौसेना में रहा पुराना INS विंध्यगिरि

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुराना विंध्यगिरी जुलाई 1981 से जून 2012 तक यानी कुल 31 साल तक नौसेना में रहा। इस दौरान वॉरशिप ने कई चुनौतीपूर्ण अभियानों और विदेशी अभ्यासों को भी देखा। अब नई टेक्नोलॉजी के साथ नया विंध्यागिरि नौसेना के बेड़े में शामिल हो रहा है।

2011 में आग लगने के बाद डूब गया था INS विंध्यगिरि

जनवरी 2011 में नौसेना को शांतिकाल में अपने सबसे बुरे नुकसानों में से एक का सामना करना पड़ा। INS विंध्यगिरि मुंबई पोर्ट पर एक जर्मन जहाज से टकरा गया। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन आग लगने के बाद जहाज डूब गया था।