पाकिस्तान के पीएम शहबाज ने सत्‍ता छोड़ने का किया ऐलान, बोले- अब अपने पैरों पर खड़े होने का समय…

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(www.arya-tv.com) पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की जनता के सामने ऐलान किया है कि अगस्‍त में उनकी सरकार एक अंतरिम व्‍यवस्‍था के तहत सत्‍ता से हट जाएगी। पाकिस्‍तान के पीएम ने टेलीविजन पर राष्‍ट्र के नाम संबोधन में जनता को यह भरोसा दिलाया। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान सत्‍ता का हस्‍तांतरण बिना रुकावट के होगा और आगामी चुनावों का रास्‍ता खुलेगा। शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने पूर्व पीएम इमरान खान की तरफ से पेश की गई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। इससे पाकिस्तान की प्रगति का रास्ता साफ हो सका।

इस्लामाबाद में एक समारोह के दौरान राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने घोषणा की कि संसद 14 अगस्त को अपना कार्यकाल पूरा करेगी। इससे अंतरिम सरकार और नए चुनावों का रास्‍ता खुलेगा। 12 अगस्‍त 2018 को पाकिस्‍तान में इमरान खान की अगुवाई में सरकार बनी थी। शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। शहबाज ने अपने संबोधन में अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान के लिए मिली तीन अरब डॉलर की मदद का भी जिक्र किया। आईएमएफ की इस मदद से देश पर से डिफॉल्‍ट होने का खतरा टल गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन फिर इसका उल्लंघन किया और देश को डिफ़ॉल्ट के कगार पर धकेल दिया। उन्होंने कहा, ”जब हम कार्यक्रम को बहाल करने की कोशिश कर रहे थे, पूर्व शासक दिन-रात देश विरोधी साजिश रचने में व्यस्त थे। सभी बाधाओं के बावजूद, उनकी सरकार ने उम्मीद नहीं खोई और आईएमएफ के साथ सफलतापूर्वक एक समझौते पर पहुंची। आज, पाकिस्तान के डिफॉल्ट के खतरे और उनकी नापाक इच्छाओं को दफन कर दिया गया है।’

शहबाज ने इस मौके पर देश को आर्थिक संकट से बाहर लाने में ‘प्रशंसनीय भूमिका’ निभाने के लिए पाकिस्तान के भाई देशों, चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को धन्यवाद दिया। शहबाज का कहना था कि कार्यवाहक सरकार अब आर्थिक चिंताओं के बोझ के बिना आगामी चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को कर्ज लेने की आदत हो गई है, जिससे उनके अनुसार देश की प्रतिष्ठा और सम्मान को नुकसान पहुंचा है। अब समय आ गया है कि हम अपने पैरों पर खड़े हों और अपनी खोई हुई स्थिति हासिल करें।

पाकिस्तान के संविधान के अनुसार आम चुनाव एक तटस्थ कार्यवाहक सरकार की देखरेख में आयोजित किए जाने का नियम है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति निवर्तमान प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता के बीच आपसी समझौते से होती है। गतिरोध की स्थिति में, अंतिम चयन के लिए नाम द्विदलीय समिति या अगर जरूरी हो तो पाकिस्तान चुनाव आयोग को सौंपे जाते हैं।

अभी तक इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है कि कार्यवाहक पीएम कौन बनेगा। मगर राजनीतिक दल नियुक्ति पर आम सहमति तक पहुंचने के लिए परामर्श में लगे हुए हैं। शरीफ ने अपने संबोधन के जरिए इमरान खान पर भी हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान की तरक्‍की में आने वाली हर मुसीबत को दूर किया है। उन्होंने अपनी सरकार को संकट से निपटने, समस्याओं को दूर करने और पाकिस्तान को विकास और स्थिरता की ओर ले जाने का श्रेय दिया।