पत्रकरों को ज़िन्दगी की डोज़ दे रहे योगी के आलाधिकारी

Lucknow
  • पत्रकरों को ज़िन्दगी की डोज़ दे रहे योगी के आलाधिकारी

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के क़हर से मुक़ाबले में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रबंधन की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की है। दुनियां के सबसे बड़े स्वास्थ्य संगठन को यूपी सरकार की कोरोना से लड़ने की रणनीति ने प्रभावित किया और ये संगठन योगी सरकार का क़ायल हो गया।
डब्ल्यूएचओ को योगी सरकार के प्रबंधन की तमाम खूबियां भा रही हैं, जिसकी एक बानगी हांडी के एक चावल की तरह है।

संक्रमण से सरकार की ज़मीनी लड़ाई और संघर्ष की खूबियों के तमाम पहलुओं की पड़ताल करने वाले पत्रकारों को एक खूबी को जानने के लिए कही नहीं जाना होगा। क्योंकि पत्रकार बिरादरी की रक्षा सुरक्षा के लिए योगी के आलाधिकारी खुद खड़े होकर एक-एक पत्रकार और उनके परिजनों का वैक्सीनेशन करवा रहे हैं। और यूपी की पत्रकार बिरादरी भी जिस जिम्मेदारी, गंभीरता और अनुशासन के साथ कोरोना की वैक्सीन लगवा रही है वो भी अपने आप में मिसाल है। अनुमान है कि चंद दिनों मे सिर्फ लखनऊ के ही हज़ारों पत्रकार/परिजनों का वैक्सीनेशन मुकम्मल हो जायेगा। और इस तरह से यूपी सरकार और यहां की पत्रकार बिरादरी टीकाकरण में अपनी स्मार्टनेस में एक नज़ीर पेश कर सकती हैं।

लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन के तेज होते सिलसिले में तमाम कोरोना योद्धाओं की तरह पत्रकारों के टीकाकरण के लिए बहुत ख़ास इंतजाम किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल और सूचना निदेशक शिशिर खुद खड़े होकर पत्रकारों और उनके परिजनों का टीकाकरण करवा रहे हैं।

देश में कोरोना की त्रासदी में उत्तर प्रदेश की पत्रकार बिरादरी ने भी अपनों को खोया है। सिर्फ राजधानी लखनऊ मे ही 26 पत्रकारों की कोराना से मौत हो गई थी। कुदरत के इस क़हर से डट कर मुक़ाबला करने के लिए यूपी की पत्रकार बिरादरी ना सिर्फ टीका लगवाने के लिए जनता को जागरुक कर रही है बल्कि खुद पत्रकार बहुत मुश्तैदी के साथ खुद और अपने परिवार को कोरोना से बचाने के लिए टीका लगवा रहे हैं। लखनऊ में ये सिलसिला तेज़ हो गया है। सभी पत्रकारों और उनके परिजनों के वैक्सीनेशन के लिए यूपी सरकार ने विशेष व्यवस्था की है। सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय भवन में यूपी के आलाधिकारियों की मौजूदगी में मेडिकल टीम
पत्रकारों और उनके परिजनों का टीकाकरण कर रही है। सोशल डिस्टेंसिंग जैसी एहतियातों के साथ तमाम प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सैकड़ों पत्रकार यहां कोविशील्ड लगवा चुके हैं। ये विशेष कैम्प/टीका उत्सव तब तक जारी रहेगा जब तक सभी पत्रकारों और उनके परिजनों का वैक्सीनेशन मुकम्मल ना हो जाए। इससे पूर्व 8 अप्रैल को लखनऊ के श्यामा प्रसाद अस्पताल (सिविल अस्पताल) में 45 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों और उनके परिजनों को वैक्सीन दी गई थी।
गौरतलब है कि कोरोना काल में लखनऊ के ही करीब 26 पत्रकारों की मौत कोरोना मे हो चुकी है।सैलाब घर उजाड़ दें तो बांध बनाने की तत्परता स्वाभाविक है। उत्तर प्रदेश की राजधानी के पत्रकारों के लिए कोरोना वायरस कुछ ज्यादा ही घातक रहा। ये मनहूस संक्रमण यहां के तमाम पत्रकारों की मौत का सबब बना और सैकड़ों जर्नलिस्ट संक्रमित हुए थे।
नवेद शिकोह (राज्यमुख्यालय के वरिष्ठ पत्रकार)