CORONA: तीसरी लहर, कितना कहर !!! 

Lucknow
(www.arya-tv.com) आर्य मीडिया नेटवर्क के मंच में विशेष संवाददाता विशाल सक्सेना की एक्सक्लूसिव बातचीत डा. ज्ञान चंद: प्रोफेसर- एंडोक्राइन सर्जरी, (SGPGI लखनऊ) के साथ।

आज की कवर स्टोरी में होगी चर्चा कोरोना तीसरी लहर में कितना और खतरनाक हो सकता है, साथ ही हम आपको बताएंगे पोस्ट कोविड सिंड्रोम और ब्लैक फंगस  से पड़ने वाले असर और इसकी रोकथाम के बारे में।
आइए, पहले यह समझते है की पहली लहर, दूसरी लहर और अब तीसरी लहर असल में है क्या और इसका प्रभाव हम पर कैसे- कैसे पड़ता है।
कोरोना वायरस जब पहले आया तब यह दूसरी बार जितना खतरनाक नहीं था लोगों के मरने की संख्या भी कम थी और लोग जल्दी और ज्यादा ठीक हो रहे थे। कोरोना वायरस ने अपने स्वरूप को मात्र 6 महीने में बदला और अप्रैल में दोबारा इसने अटैक किया, जिसका असर बहुत गंभीर था और ना जाने कितने लोगों की जाने चली गई इसके स्वरूप बदलने और ज्यादा क्षमता से अटैक करने के कारण इसको डबल म्यूटेंट कोरोना वायरस भी कहते है।
आपको जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका में ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस हिट कर चुका है और मात्र 45 दिनों में इस वायरस ने अपने स्वरूप को बदला और अमेरिका में वापस अटैक किया। यह इतनी तेजी से अपना स्वरूप बदल रहा है कि इसने विज्ञानिको को भी असमंजस में डाला हुआ है। यह जानकारी सामने आ रही है की यह वायरस अब बच्चो को भी प्रभावित कर रहा है और अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग लक्षण दिखाई दे रहे है जो कि बहुत खतरनाक है, इसके कारण इसको समझने और इसके इलाज में बहुत दिक्कत आ रही है।
आज हमारे साथ इसी विषय पर चर्चा करने के लिए जुड़े है प्रो(.डॉ.)ज्ञान चंद जो देश के चुनिंदा  रोबोटिक सर्जनों में से एक है और PGI लखनऊ में एंडोक्राइन सर्जरी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। आइए डा. साहब से थोड़ी और गहराई से समझते है: 
1. ये ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस क्या है और यह कितना खतरनाक हो सकता है ?
ट्रिपल म्यूटेंट का मतलब तीन अलग-अलग तरह के कोविड वायरस मिलकर एक नए तरह का वायरस बना देते हैं जिसे ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस कहते हैं। यह वायरस हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से आसानी से बच जाता है। जिससे यह मरीज के शरीर में अपनी जनसंख्या को तेजी से बढ़ाता है। परिणाम-स्वरूप यह वायरस मरीज के शरीर से खांसने या छीकने पर अत्यधिक मात्रा में वातावरण में मिल जाता हैं और संपर्क में आने वाले ज्यादा लोगों को संक्रमित कर देता है। यह लंबे समय तक शरीर में रहता है और मरीज को ज्यादा गंभीर कर देता है एवं सामान्य इलाज से ठीक नहीं होता है।
2. इसका इतना तेजी से स्वरूप बदलने का क्या कारण है !! क्योंकि आज तक किसी भी वायरस ने इतनी तेजी से अपना स्वरूप नहीं बदला है जितनी तेजी से यह बदल रहा है ?
जब कोई भी वायरस एक बड़ी जनसंख्या को संक्रमित करता है तो वायरस बहुत सी अवस्था में उस जनसंख्या में मौजूद रहता है तथा एक संक्रमित से दूसरे के शरीर में प्रवेश करते समय अपने प्रारूप में बदलाव कर लेता है। अतः इतनी बड़ी जनसंख्या को जितने लंबे समय तक संक्रमित करेगा उतना ही इसके स्वरूप बदलने की संभावना बढ़ती रहेगी।
3.आप लोग इस पर काबू पाने के लिए क्या क्या तैयारी कर रहे है और क्या सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइंस आई है ?
वायरस को इसके प्रारूप को परिवर्तित करने का सबसे कारगर उपाय यह है कि इसके स्प्रेड को रोकना। चाहे संक्रमित से असंक्रमित को और संक्रमित से संक्रमित में वायरस को जाने से रोकना होगा। जिसके लिए मास्क लगाना, 2 गज की दूरी, बार बार साबुन से हाथ धोना एवं  वैक्सीनेशन अत्यंत जरूरी है। इन बातों को नियमित फॉलो करने से करोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है जिससे इसका म्यूटेशन भी रुक जाएगा।
सरकार ने इन चारों बातों के लिए बहुत से उपाय, गाइडलाइंस एवं एडवाइजरी जारी करी है तथा टीकाकरण के लिए भी भागीरथ प्रयास जारी रखा हुआ है।
4. क्या जो व्यक्ति कोविड पॉजिटिव हो चुके है उन पर भी इसका असर हो सकता है ?
यह म्यूटेशन कोरोना संक्रमित लोगों को जोकि ठीक हो चुके हैं उनको भी संक्रमित कर सकता है। और यह पुनः संक्रमित व्यक्ति में बिना लक्षण के रहता है। जिससे यह ज्यादा खतरनाक हो जाता है तथा समाज में ज्यादा लोगों को संक्रमित कर देता है। अतः जो लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उन्हें भी ऊपर बताई गई चारों बातों का कड़ाई से पालन करना चाहिए जिससे ज्यादा खतरनाक एवं संक्रमणीय वायरस को फैलने से रोका जा सकें।
5. कुछ विशेष precaution जो लिए जा सकते हो इससे बचने के लिए ?
ऊपर बताई गई चार बातों के अलावा सभी को खाने पीने में उचित ध्यान रखना चाहिए जैसे हाई प्रोटीन डाइट, हरी पत्तेदार सब्जियों एवं ताजे फलों का सेवन करना है। तली भुनी चीजों एवं अधिक मसालेदार चीजों से परहेज करना है।
घर में ही रह करके अपनी दिनचर्या को नियमित रखें उचित योगा, व्यायाम एवं मेडिटेशन करें।
6. पोस्ट कोविड अक्सर लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ता है, ऐसे में क्या करना चाहिए ?
कोविड वायरस हमारे फेफड़ों को मुख्यता: प्रभावित करता है लेकिन साथ ही यह हमारे अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। ठीक होने के बाद भी फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो जाती है जिससे सांस फूलना या सीने का दर्द बना रहता है। जिसको आप भाप लेकर एवं गहरी सांस वाले व्यायाम कर के नियंत्रित एवं ठीक कर सकते हैं।
मानसिक व शारीरिक कमजोरी को उचित खानपान, उचित व्यायाम करके जल्द ही सामान्य अवस्था में वापस आया जा सकता है।
7. यह ब्लैक फंगस का इन्फेक्शन क्या है ?
Mucormycosis या black fungus एक बहुत ही दुर्लभ Furrul इंफेक्शन है लेकिन इस करोना काल में इसकी संख्या भी अधिक पाई गई है। इसमें नाक के साइनस में यह ग्रोथ करता है और आसपास के अंगों को प्रभावित करता है। यह फेफड़ों में भी फैल जाता है यहां तक की आंखों की रोशनी भी खत्म कर सकता है।
यह बहुत ही मुश्किल से ठीक होने वाला फंगस है और बहुत ही महंगे इलाज से भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता है अतः बचाव ही इलाज है, इसलिए स्टोरॉइड दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की उचित सलाह के बिना ना करें।
8. आप हमारे viewers को अगर कोई संदेश देना चाहे।
अनुशासन ही है बचाव, उचित अनुशासन से ही आप अपनी दिनचर्या को नियमित रखें और उचित व्यायाम, उचित आहार एवं कोविड गाइडलाइंस का पालन करें। 
आप अपने तथा अपने परिवार को अनुशासन में रहकर बचा सकते हैं और अनुशासन से ही अपने समाज, अपने देश व पूरी मानव जाति को बचाया जा सकता हैं।
आशा करते है कि आप सभी कोविड नियमों का पालन करेंगे और अनुशासन से अपने परिवार और अपने देश को बचाएगे।
विशाल सक्सेना विशेष संवाददाता