अब इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म सही से नही भरने पर आ सकता है नोटिस

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(www.arya-tv.com) वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए 30 सितंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। ITR फाइल करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 7 तरह के फॉर्म निर्धारित किए हैं। आपको अपनी आय के साधन के आधार पर सावधानी से अपना तय ITR फॉर्म चुनना होगा, वरना आयकर विभाग इसे अस्वीकार कर देगा। सीए अभय शर्मा बता रहे हैं किसे कौन सा ITR फार्म भरना होता है।

ITR 1 फॉर्म
अगर किसी इंडिविजुअल को वेतन, प्रॉपर्टी के किराए, ब्याज, 5,000 रुपए तक एग्रीकल्चर और पेंशन से आय प्राप्त होती है तो उसे ITR 1 या सहज फॉर्म भरना होगा। जिन लोगों की इन सोर्स से 50 लाख तक सालाना आय है वही ITR 1 सहज फॉर्म भर सकते हैं। ITR-1 ‘सहज’ उन व्यक्तियों के लिए नहीं है, जो या तो किसी कंपनी में निदेशक हैं या जिन्होंने अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश किया हुआ है।

ITR 2 फॉर्म
यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUFs के लिए है, जिन्हें कारोबार या प्रोफेशन से हुए मुनाफे से इनकम नहीं होती है, लेकिन ITR 1 के लिए योग्य नहीं हैं। इस फॉर्म को वे टैक्सपेयर भर सकते हैं, जिन्हें सैलरी/पेंशन, हाउस प्रॉपर्टी व अन्य स्रोत जैसे ब्याज से आय प्राप्त होती है और वह 50 लाख रुपए से ज्यादा है।

ITR 3 फॉर्म
ऐसे इंडिविजुअल्स जिन्होंने साझेदारी में कोई बिजनेस कर रखा है। इससे मिलने वाले ब्याज या सैलरी या बोनस से आय प्राप्त होती है। इसके अलावा किसी प्रॉपर्टी से मिल रहे किराए से आय प्राप्त होती है। उन्हें ITR 3 फॉर्म भरना होगा।

ITR 4 फॉर्म
सुगम फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी कारोबार या पेशे से सालाना आय 50 लाख रुपए तक हो। कैपिटल गेन्स से आय पाने वाले और फॉरेन असेट के मालिक ITR 4 का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आय में सैलरी या पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों से आय भी शामिल है।

ITR 5 फॉर्म
यह इंडिविजुअल, एचयूएफ, कंपनी और ITR-7 फॉर्म भरने वालों के अतिरिक्त अन्य टैक्सपेयर्स के लिए है। व्यक्ति और HUF (ITR-1 से लेकर ITR 4 तक भरने वाले), कंपनी (ITR-6 भरने वाली) या चैरिटेबल ट्रस्ट/इंस्टीट्यूशंस (ITR-7 भरने वाले) से अलग टैक्सपेयर्स के लिए है। यानी ये फॉर्म 4 और 5 के लिए योग्य पार्टनरशिप फर्म्स से अलग पार्टनरशिप फर्म्स के लिए, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLPs), एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स, आर्टिफिशियल ज्यूडिशियल पर्सन, लोकल अथॉरिटी, कोऑपरेटिव सोसायटी, सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर सोसायटी, मृत व्यक्ति की एस्टेट, दिवालिया व्यक्ति की एस्टेट, बिजनेस ट्रस्ट, इन्वेस्टमेंट फंड आदि ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनके लिए कोई और फॉर्म लागू नहीं होता है। सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत ITR फाइल करने वाले व्यक्ति ITR-5 नहीं भर सकते।

ITR 6 फॉर्म
यह धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों के लिए है। इसे सेक्शन 2(17) के अनुरूप कंपनियां भर सकती हैं। इसे वे कंपनियां भरती हैं, जो ITR 7 फॉर्म भरने वाली कंपनियों से अलग हैं।

ITR 7 फॉर्म
ये फॉर्म ऐसी कंपनियों और लोगों के लिए जिन्हें सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न भरने की जरूरत है। जिन लोगों की आय आयकर कानून के सेक्शन 10 के तहत छूट प्राप्त है और जिन्हें अनिवार्य रूप से ITR भरने की जरूरत नहीं है, वे इस फॉर्म का इस्तेमाल रिटर्न फाइलिंग के लिए कर सकते हैं।

रिटर्न भरने में गलती होने पर क्या होगा?
अगर आपने सही फॉर्म नहीं भरा है या इसमें कोई गलती है तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। नोटिस मिलने के 15 दिन के भीतर आप संशोधित ITR दाखिल कर सकते हैं।