बरेली की निकिता ने सुसाइड से पहले आठ पन्नों के सुसाइड नोट में लिखी पति व ससुरलियों की बर्बरता की कहानी

Bareilly Zone UP

(www.arya-tv.com) मम्मी-पापा नमस्ते। मुझे आप सबसे कुछ कहना है। मुझे यह बात पहले ही कह देनी चाहिए थी लेकिन मैं आप लोगों को परेशान नहीं करना चाहती थी। अब और बदर्शत नहीं कर सकती क्योंकि यह मेरी जिंदगी का सवाल है। लिफाफे में आठ पन्नों के मिले सुसाइड में निकिता ने पति व ससुरलियों की बर्बरता और उत्पीड़न की पूरी कहानी बयां की है जिसे पढ़कर बरबस ही आंखों से आंसू आ जाए।

लिखा कि मम्मी-पापा मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं। बरेली वाले मम्मी जी, पापा जी ने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया है। मुझे हर बात पर टार्चर करते हैं। पापा इन सबने मुझे बहुत परेशान करना शुरू कर दिया है। बरेली वाले पापा जी ने तो यहां तक कह दिया कि हमारा इस बच्चे से कोई मतलब नहीं है। चाहे जिये या मरे। उन्होंने यह भी कहा कि काशीपुर वाले पापा से कह देना कि नामकरण पर नथ दो जोड़ी, कपड़े दें।

क्या काशीपुर वाले मम्मी पापा का कोई अरमान नहीं है। पापा मुझे अपने पास बुला लो। मेरा दम घुटता है यहां। यहां यह लोग मुझे बहुत मारते-पीटते हैं। पापा इन सबसे परेशान होकर मैंने यह तय किया है कि मैं अब नहीं जीना चाहती हूं। मैं अपने साथ-साथ बच्चों को दुखी नहीं देख सकती हूं। मेरा पूरा घर बरेली वाली मम्मी जी और जूही दी ने किया है। जैसे ही मेरे हिस्से में खुशियां आती हैं। यह लोग आग लगा देते हैं। यदि मुझे कुछ हो गया तो इसके जिम्मेदार पति व ससुराली होंगे।