इस हथकड़ी और इस बेड़ी से आज़ादी चाहिए !

Lucknow
  • निजीकरण और नफरती माहौल हमें बना रहा है ग़ुलाम

(www.arya-tv.com)निजीकरण आज की हथकड़ी है। ये हाथ बांध देगा और हाथ से रोजगार छीन लेगा। हाथ ख़ाली कर देगा। नफरत का माहौल बेड़ियां हैं। इन बेड़ियों में बंध कर आप प्रगति के पथ पर चल ही नहीं पाओगे।

निजीकरण ईस्ट इंडिया कंपनी की याद दिला रहा है। स्वाधीन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी निजीकरण चुनौती देता है। बिना सोचे समझे चुनी हुई सरकारें धीरे-धीरे हर चीज का निजीकरण कर देंगी तो भविष्य बहुत भयावह होगा। जनता की चुनी हुई सरकारों के हाथ में कुछ भी नहीं होगा।

ना सरकारें बेरोजगारों को एक भी नौकरी देने में सक्षम होंगी और ना ही कर्मचारियों/मजदूरों को उनका हक़ दे पायेंगी और इस तरह जनता की चुनी हुई सरकारें लचर हो जायेंगे। विदेशी निवेश और निजी कंपनियां ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह देश की जनता पर हावी हो जायेंगी। सरकारें आजादी से पहले की रियासतों के रोल में होंगी और फिर कंपनियां सरकार के अधीन नहीं सरकार इन कंपनियों के अधीन होंगी। इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर आईये हम सब संकल्प लें कि ऐसी गुलामी की ज़ज़ीरें तोड़नी हैं।

यौम-ए-आज़दी की बधाई

 नवेद शिकोह(लेखक राज्यमुख्यालय के स्वतंत्र मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं और प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं)