राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: वर्षगांठ बोले पीएम मोदी, शिक्षा में देश का भाग्य बदलने की ताकत

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(www.arya-tv.com)  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आज, 29 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में लागू हुई, दूसरा 1986 में आया था, जिसे 1992 में संशोधित किया गया था। पहला एनईपी कांग्रेस के शासन के दौरान लागू हुआ था। कार्यक्रम 29 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई तक चलेगा। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय मंडपम में किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम श्री योजना के तहत बजट की पहली किस्त जारी की। पीएम इस अवसर पर 12 भारतीय भाषाओं में अनुवादित शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम पुस्तकों को भी लाॅन्च किया। अपने संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पहला शिक्षा समागम पिछले साल वाराणसी में किया गया था। आजादी के बाद, जो बहुभाषीय शिक्षा की परिकल्पना की गई थी। वह पीएम मोदी के मार्गदर्शन में पूरी हो रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की ज्ञान धारा को आगे बढ़ाने का काम करेगा, इससे भारत के विकास को नई दिशा मिलेगी। वहीं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा ही है, जिसमें देश का भाग्य बदलने की सबसे अधिक ताकत है। आज 21 सदी का भारत, जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का बहुत बड़ा महत्व है।अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरी लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है।

शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है। मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को और आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन की इस यात्रा में एक संदेश छिपा हुआ है। यह संदेश है, प्राचीनता और आधुनिकता के संगम का हम प्राचीन शिक्षा और आधुनिक तकनीकी दोनों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

देश में एक जैसा होगा सीबीएसई पाठ्यक्रम

पीएम ने कहा कि एनईपी 2020 में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और इनोवेशन सभी को प्राथमिकता दी गई है। 3 से आठ वर्ष तक के बच्चों के लिए फ्रेम वर्क तैयार हो गया है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा। पूरे देश में सीबीएसई स्कूलों में पाठ्यक्रम अब एक जैसा ही होगा। अब किताबें 22 भारतीय भाषाओं में होगी। युवाओं की प्रतिभा को उनकी भाषा के आधार पर अब नहीं देखा जाएगा। मातृ भाषा में पढ़ाई होने से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान युवाओं को फायदा होगा। वह आगे बढ़ेंगे और देश के विकास में योगदान देंगे।

सभी क्षेत्रों में पढ़ाई भारतीय भाषाओं में होगी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि सोशल साइंस लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई अब भारतीय भाषाओं में होगी। युवाओं के पास भाषा का आत्मविश्वास होगा, तो उनकी प्रतिमा निखरकर सामने आएगी. इससे देश को भी फायदा होगा। भाषा के नाम पर राजनीति करने वालो की दुकान बंद हो जाएगी। आने वाले 25 वर्ष हमारे लिए बहुत ही महत्वूर्ण हैं।

इन सालों में हमें ऊर्जा से भरी युवा पीढ़ी तैयारी करनी है. एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है, जो हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करें। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में कई पैरामीटर है, लेकिन जब हम भारत की बात करते हैं, तो समानता की। देश के सभी युवाओं को समान और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले। यह एनईपी 2020 में सुनिश्चित किया गया है।